गोरखपुर (ब्यूरो)। हाल फिलहाल में कई ऐसी हत्या की वारदात हुई, जिसमें हत्यारोपियों ने बचने के लिए यह हथकंडा अपनाया। लेकिन 'अपराध करके बचना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन हैÓ इसलिए पुलिस के आगे उनका यह फिल्मी अंदाज फेल साबित हुआ और गिरफ्तार कर जेल भेजे गए। अब तो हत्या की वारदात के बाद पुलिस शोक में शामिल संदिग्धों को चिन्हित कर उन्हें ट्रेस कर रही है।
केस-1
गगहा एरिया में 19 अगस्त को एक युवक की गला रेतकर हत्या की गई और उसका शव सड़क किनारे फेंक दिया गया। पुलिस जांच में पता चला कि चौबेपुर टोला निवासी मृतक 58 वर्षीय शंकर निषाद की हत्या उनके ही साथी राजू ने की थी। आरोपित राजू ने बताया कि शंकर ने उससे एक हजार रुपए उधार लिए थे और उसने कहने के बाद भी शराब नहीं पिलाई थी। इसलिए उसकी चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। राजू ने यह भी बताया कि हत्या के बाद बचने के लिए शंकर के परिवार को झूठी सूचना दी कि मृतक का संदीप से झगड़ा हो गया है। लेकिन पुलिस जांच में राजू का झूठ पकड़ा गया। सोमवार को पुलिस ने राजू को अरेस्ट कर जेल भिजवाया।
केस-2
चाचा और सगे भाइयों ने मारा, फंसा प्रधान पति
चौरीचौरा थाना के देवीपुर में 30 जुलाई को दिव्यांग सुरेन्द्र को जलाकर मार डाला गया। इस मामले में परिवार ने प्रधान और उसके पति पर हत्या का आरोप लगाया। इस आधार पर पुलिस ने प्रधान पति को तत्काल अरेस्ट भी कर लिया। प्रधान पति का भाग्य अच्छा था कि उनके घर पर सीसीटीवी कैमरा लगा था। जिसकी मदद से प्रधान पति निर्दोष साबित हुआ। वहीं पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि प्रापर्टी को हड़पने के लिए चाचा और सगे भाईयों ने मिलकर दिव्यांग सुरेन्द्र को जलाकर मारा था। किसी को शक ना हो इसके लिए वह दाह संस्कार कर ब्रह्मभोज की तैयारी में जुट गए।
केस-3
दिव्यांग युवती को मारकर शोक में शामिल
हरपुर बुदहट में 21 जून की देर रात 40 वर्षीय युवती की सिर कूचकर हत्या कर दी गई। पुलिस जब वहां पहुंची तो आरोपी चंद्रशेखर उर्फ नवीन भी भीड़ में खड़ा था। नवीन के सामने ही पुलिस ने डॉग स्कॉवयड टीम को बुलाया। नवीन को लगा कि डॉग कहीं संूघकर उसे पकड़ ना लें इसलिए वह वहां से फरार हो गया। पुलिस की जांच में पता चला कि दिव्यांग युवती से नवीन के मधूर संबंध थे। किसी बात को लेकर 21 जून को दोनों के बीच झगड़ा हुआ तो नवीन ने उसके सिर पर वार कर दिव्यांग की जान ले ली। शक ना हो इसलिए सुबह कपड़े बदलकर वह शोक सभा में भी शामिल हो गया। फिलहाल पुलिस ने उसे खोज निकाला और अरेस्ट कर जेल भिजवाया।
हो रहा रिश्तों का कत्ल
वर्तमान समय में गैंगवार, ठेकेदारी या माफियागिरी में हत्याएं नहीं हो रही हैं। इस समय अधिकतर हत्या की वारदात में मृतक का कोई खास संबंधी ही शामिल रह रहा है। जो बड़े सफाई से हत्या कर सबूतों को नष्ट कर खुद भी दुख में शामिल हो जा रहा है, ताकि उसकी तरफ किसी का शक ही ना जाए।
वर्तमान समय में हत्या की घटनाएं मधुर संबंध में खटास आने की वजह से ही हो रही है। आरोपित बचने के लिए नया-नया हथकंडा भी अपना रहे हैं। लेकिन पुलिस हर दिशा में जांच करती है। पुलिस की प्राथमिकता होती है कि कोई निर्दोष बेवजह परेशान ना हो।
मनोज कुमार अवस्थी, एसपी नॉर्थ