- टहलने के लिए लगाया था स्टेडियम में शुल्क, दहाई अंकों में भी नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन
GORAKHPUR : नगर निगम, बिजली विभाग और डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी की तरह रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम ने भी कमाई का नया फंडा अख्तियार किया था, मगर विभाग के अधिकारियों का यह प्लान पूरी तरह फ्लाप रहा। एक माह से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक स्टेडियम में टहलने वालों के रजिस्ट्रेशन की संख्या दहाई के अंक तक भी नहीं पहुंची है। अब विभाग के अधिकारी अपने इस नियम को वापस लेने की मूड में हैं।
माह बीत गया, मगर नहीं भरा रजिस्ट्रेशन का पेज
यूनिवर्सिटी में टहलने पर रजिस्ट्रेशन लगाने का नियम बनते ही एक माह पहले अचानक रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम में भी संख्या काफी बढ़ गई थी। इसको देखते हुए स्टेडियम प्रशासन ने भी इस तरीके को अख्तियार करने का प्लान बनाया और 110 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस डिसाइड कर दी। साथ ही सभी कोच को जिम्मेदारी दी गई कि जो भी टहलने आ रहा है, उसका रजिस्ट्रेशन कराए। एक माह समय बीत गया, मगर रजिस्ट्रेशन के लिए बने रजिस्टर का एक पन्ना भी नहीं भरा। हालांकि विभाग के अधिकारी इसे अपनी नाकामी नहीं, बल्कि समय का फेर मान रहे हैं। उनके मुताबिक जून मंथ खत्म होने तक टहलने वालों की संख्या घट जाती है। साथ ही बारिश में स्टेडियम में पानी भर जाता है, ऐसे में टहलना मुश्किल होता है इसलिए लोगों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया। जबकि हकीकत में स्टेडियम में टहलने वाले अधिकांश लोग पुराने खिलाड़ी या खेल से जुड़े हुए हैं जिन्होंने टहलने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस देने से साफ मना कर दिया है।
स्टेडियम में टहलने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी जिससे खिलाडि़यों को प्रैक्टिस करने में प्रॉब्लम हो रही थी। इसीलिए ये नियम लागू किया गया था, मगर रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या न के बराबर रही। अब स्टेडियम आने वाले लोगों की संख्या भी कम हो गई है।
अश्विनी कुमार सिंह, रीजनल स्पोर्ट्स अफसर