- गहन शिशु चिकित्सा कक्ष में आग पर हड़कंप
- परिजन नवजात शिशु की जान बचाने में लगे रहे
- डॉक्टर्स और हेल्थ एंप्लाइज ने सुझबूझ दिखाई, बड़ा हादसा टला
GORAKHPUR: मेडिकल कॉलेज के सौ शय्या वाले इंसेफेलाइटिस वार्ड स्थित गहन शिशु चिकित्सा कक्ष में मंगलवार की दोपहर एक वेंटिलेटर में आग लग गई। इसके बाद वार्ड में अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। तीमारदारों के बीच अपने अपने शिशुओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की होड़ लग गई। हालांकि इस दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर्स और हेल्थ एंप्लाइज ने सुझबुझ का परिचय दिखाते हुए फौरन ही आग पर काबू पा लिया।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग
करीब 3:15 बजे अचानक एक आग की सूचना ने मेडिकल कॉलेज के माथे पर बल ला दिया। आलम यह रहा कि इंसेफेलाइटिस के सौ बेड वाले एनएनयू के नवजात शिशु कक्ष स्थित वेंटिलेटर में आग लग गई। इस दरमियान वेंटिलेटर पर तीन बच्चे रखे गए थे, जबकि कुल 80 नवजात शिशुओं का उपचार चल रहा है। परिजनों को जब पता चला तो वह शिशुं की जान बचाने और सुरक्षित स्थान पर जाने के प्रयास में लगे रहे। इस बीच एनएनयू के डॉक्टर और हेल्थ एंप्लाई आग बुझाने की कोशिश में लग गए। बाद में पता चला कि वेंटिलेटर के गर्म होने की वजह से ऐसा हुआ है। वहीं जिम्मेदारों का मानना है कि आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट है।
धुआं-धुआं हुआ एनएनयू कक्ष
आग की सूचना से मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया। धरने पर बैठे संविदा कर्मचारी कार्य बहिष्कार समाप्त कर मौके पर पहुंच गए। मामले की जानकारी होने पर प्राचार्य डॉ। राजीव मिश्रा और विभागाध्यक्ष महिमा मित्तल भी मौके पर पहुंची। आग लगने की वजह से वार्ड धुआं-धुआं हो उठा। इस दौरान बिजली सपलाई का ठप कर दी गई। सभी के प्रयास ने अपना रंग दिखाया और मेडिकल कॉलेज को एक हादसे से बचाया।
हाई वोल्टेज की वजह से ऐसा हुआ है। डॉक्टर्स ने वायर को प्लग से निकाल दिया । इसकी वजह से आग नहीं फैली। कक्ष में एडमिट नवजात शिशुओं को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया है। इलाज सुचारू रूप से चालू है।
डॉ। राजीव मिश्रा, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज