- सिकरीगंज पुलिस ने रंगे हाथ दबोचा

- बांदा से चोरी बोलेरो को कर रहे थे सौदा

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : सिकरीगंज एरिया के सिकरीडीह में चोरी की बोलेरो बेचने में दो लोग पकड़े गए। बांदा से चोरी कर लाई गई बोलेरो की कीमत 70 हजार लगी थी। फर्जी कागजात के सहारे उसको बंगाल भेजने की तैयारी चल रही थी। ट्यूज्डे को पुलिस ने सौदेबाजी में खलल डाल दी। पकड़े गए लोगों से पूछताछ की जा रही है। चोरों का यह गैंग महज डेढ़ लाख में टॉप मॉडल की बोलेरो बेचता था।

बंगाली डॉक्टर कराता था सौदेबाजी

ट्यूज्डे को चोरी की गाड़ी के सौदेबाजी की सूचना पुलिस को मिली। एसओ सिकरीगंज राजीव शुक्ला ने फोर्स के साथ सिकरीडीह में दबिश दी। बंगाली डॉक्टर अश्वनी कुमार विश्वास की क्लीनिक पर पुलिस पहुंची। वहां एक बोलेरो के साथ युवक पकड़ा गया। युवक की पहचान कानपुर नगर जिले के सवित्री, भमौरी निवासी दीपक उर्फ घनश्याम के रूप में हुई। पूछताछ में चोरी की बोलेरो की सौदेबाजी की पोल खुल गई। दीपक ने पुलिस को बताया कि बांदा से चार दिन पहले चोरी की गाड़ी लेकर बेचने आया था। इसकी कीमत 70 हजार लगी थी। बंगाली डॉक्टर गाडि़यों की सौदेबाजी कराता था।

पहले भी जेल जा चुका है डॉक्टर

पूछताछ में पुलिस चौक गई। इटावा, कानपुर, मैनपुरी, बांदा सहित कई जिलों से चोरी बोलेरो बंगाली डॉक्टर बिकवाता था। कोलकाता और नेपाल में सेटिंग से वह कागजात तैयार कराता था। फर्जी तरीके कागज तैयार करने, चोरी की गाड़ी बेचने, हत्या के प्रयास सहित कई मामलों में अश्वनी पहले भी जेल जा चुका है। अश्वनी का बेटा भी एक मामले में जेल में बंद है।

बस डेढ़ लाख में टॉप मॉडल

चोरी की व्हीकल के धंधे में डॉक्टर ने खूब प्रापर्टी बनाई। उसकी मदद से चोर गाड़ी मॉडल के अनुसार 50 हजार से लेकर डेढ़ लाख तक में सौदा तय करते हैं। टॉप मॉडल की अधिकतम कीमत एक लाख 40 हजार तय है। डेढ़ लाख के भीतर मिलने वाली व्हीकल लोग आसानी से खरीद लेते हैं।

वाहन चोरों के गैंग के एक्टिव होने की सूचना मिली थी। इसके आधार पर जांच पड़ताल की गई। गिरफ्तार लोगों से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।

राजीव शुक्ला, एसओ सिकरीगंज