GORAKHPUR: लोगों को सताने के बाद अब सोना और पेट्रोल दोनों नरम हुए तो साग ने सताना शुरू कर दिया है। सेहतमंद के साथ सबसे सस्ती समझी जाने वाली सब्जी सोने के दाम बिक रही है। जिसने लोगों की पॉकेट पर डाका डालना शुरू कर दिया है। मैरिज सीजन होने से जहां साग की डिमांड बढ़ी है, वहीं कम फसल से उसके रेट आसमान पर पहुंच गए है। दस रुपए किलो बिकने वाला बथुआ फ्भ् रुपए किलो बिक रहा है। वह भी ताजा मिलना मुश्किल है। क्योंकि मार्केट में आ रहा अधिकांश बथुआ गोरखपुर या आसपास जिले के बजाए गाजीपुर, कानपुर से आ रहा है।

गेहूं सेफ, बथुआ खत्म

हुदहुद से धान की चौपट हुई फसल की मार झेल चुके किसानों गेहूं की फसल को सेफ करने के लिए हर प्रयास किया। गेहूं को बचाने के लिए दवा का छिड़काव किया। जिससे आसपास लगी सभी घास जल गई। इस छिड़काव ने बथुआ को भी पूरी तरह नष्ट कर दिया। फिर चाहे गोरखपुर, देवरिया हो या अन्य आसपास का कोई जिला। इससे मार्केट से लगभग बथुआ पूरी तरह गायब हो गया है। जो बथुआ आ रहा है, वह गाजीपुर, कानपुर के आसपास इलाके से आ रहा है। इससे बथुआ के रेट अचानक काफी बढ़ गए। लास्ट इयर बथुआ का रेट करीब क्0 से क्ख् रुपए केजी था, जबकि इस साल फ्भ् रुपए केजी के आसपास चल रहा है।

बारिश से बर्बाद हुआ साग

इस साल हुई अधिक बारिश ने साग को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। इससे मार्केट में हर दिन साग के रेट अप-डाउन हो रहे हैं। यह हाल अकेले बथुआ का नहीं बल्कि सरसो, चना और पालक का भी है। सभी साग की लास्ट इयर की अपेक्षा दोगुनी से अधिक कीमत पर बिक रहा है। जबकि इस सीजन में साग सबसे सस्ता होता है।

इस साल बारिश के कारण साग बहुत कम हुआ है। वहीं मैरिज सीजन में डिमांड अधिक है। इससे कीमत बढ़ गई है। साथ ही जो साग आ रहा है, वह आसपास का नहीं है।

आलम तनवीर, सब्जी विक्रेता