गोरखपुर (ब्यूरो)। इसके तहत अब फोर ईयर अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में 75 परसेंट से अधिक माक्र्स लाने वाले स्टूडेंट्स को बिना पीजी डिग्री हासिल किए ही रिसर्च प्रोग्राम में एडमिशन मिल जाएगा। यूनिवर्सिटी ने क्वालिटी रिसर्च और अकादमिक लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए यह नया पीएचडी ऑर्डिनेंस तैयार करने का फैसला लिया है। इस ऑर्डिनेंस को तैयार करने के लिए वीसी प्रो। पूनम टंडन ने एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया है।
मल्टी डिसीप्लनरी रिसर्च को बढ़ावा
नए पीएचडी ऑर्डिनेंस न्यू एजुकेशन पॉलिसी-2020 में उल्लिखित सिद्धांतों और यूजीसी पीएचडी अधिनियम-2022 को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा। वीसी प्रो। पूनम ने बताया कि मल्टी डिसीप्लनरी रिसर्च को बढ़ावा देने और असाधारण शोध क्षमताओं का प्रदर्शन करने वाले टॉप स्टूडेंट्स के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए यह निर्णायक कदम लिया जा रहा है। नया पीएचडी ऑर्डिनेंस संस्थान में युवा प्रतिभाओं को पोषित करने और रिसर्च की क्वालिटी को बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता में एक बड़ा छलांग होगा। यह निसंदेह रिसर्च के के लिए अनुकूल माहौल तैयार करेगा, अकादमिक नवाचार को बढ़ावा देगा और स्टूडेंट्स को अपनी शोध महत्वाकांक्षाओं को अधिक आसानी से आगे बढ़ाने में सक्षम बनाएगा। इस प्रावधान के तहत रिसर्च कॉम्पोनेंट के साथ चार साल के यूजी प्रोग्राम में 75 परसेंट से अधिक माक्र्स पाने वाले स्टूडेंट्स को बिना पीजी डिग्री के डायरेक्ट रिसर्च प्रोग्राम में एडमिशन लेने का ऑप्शन होगा। इस कमेटी का कोऑर्डिनेटर रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल के डायरेक्टर प्रो। दिनेश यादव को बनाया गया है। प्रो। सुनीता मुर्मू, प्रो। पूजा सिंह, प्रो। राजर्षि गौड़ और डॉ। रामवंत गुप्ता को इस कमेटी का मेंबर बनाया गया है।
फोर ईयर यूजी प्रोग्राम के लिए बनी कमेटी
वीसी प्रो। पूनम टंडन ने फोर ईयर अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम (3+1) को डेवलप करने के लिए एक स्पेशल कमेटी बनाई है। यह पहल यूजीसी और एनईपी 2020 में प्रस्तावित ढांचे के अनुरूप है। वीसी ने कहा कि इस नए यूजी प्रोग्राम के अंतर्गत विविध प्रकार के कोर्सेज को ऑफर किया जाएगा। इस कमेटी का कोऑर्डिनेटर प्रो। हर्ष सिन्हा को बनाया गया है। साथ ही प्रो। संदीप कुमार, प्रो। गौर हरि बेहरा, प्रो। प्रत्यूष दुबे, प्रो। राजर्षि गौड़ और प्रो। विजय कुमार इसके मेंबर हैं।
फोर ईयर यूजी प्रोग्राम शिक्षा में उत्कृष्टा के लिए गोरखपुर यूनिवर्सिटी की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। हम अपने स्टूडेंट्स को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए समर्पित हैं। पीएचडी ऑर्डिनेंस में बदलाव के बाद चार साल की ऑनर्स डिग्री और 75 परसेंट से अधिक माक्र्स पाने वाले स्टूडेंट्स को बिना पीजी डिग्री के ही पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन मिल जाएगा।
प्रो। पूनम टंडन, वीसी, डीडीयूजीयू