गोरखपुर (ब्यूरो)।हाल ही में इंडियन रेलवे टाइम टेबल कॉन्फ्रेंस (आईआरटीटीसी) की बैठक के बाद एनई रेलवे समेत सभी जोन से प्रस्ताव मांगा गया है। इसको लेकर एनई रेलवे ने भी प्रस्ताव बोर्ड को भेज दिया है। अगर इसपर मुहर लग जाती है तो गोरखपुर से भी डिफरेंट रूट के लिए मेट्रो दौड़ती नजर आएगी।
एनईआर ने पांच रूट पर भेजा प्रस्ताव
प्रस्ताव के क्रम में एनई रेलवे ने पांच रूट पर वंदे भारत चलाने का प्रस्ताव बनाया है। वंदे मेट्रो के रूट और वंदे भारत की टाइमिंग को लेकर परिचालन विभाग ने मंथन भी शुरू कर दिया है। एनईआर ने जिन पांच रूटों पर वंदे भारत चलाने का प्रस्ताव तैयार किया है। उनमें गोरखपुर-लखनऊ-कानपुर, गोरखपुर-प्रयागराज, काठगोदाम-आनंद विहार, लखनऊ-पटना वाया गोरखपुर और टनकपुर-देहरादून को शामिल किया गया है। इन रूटों पर अगर बोर्ड अपनी सहमति दे देता है तो इन सिटी के बीच काफी कम समय में और सुविधाजनक तरीके से ट्रेवलिंग हो सकेगी।
जून में टाइम टेबल को लेकर होगी बैठक
रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक, सिकंदराबाद में आगामी जून में होने वाली आईआरटीटीसी की बैठक के पहले सभी जोन को अलग-अलग रूटों पर टाइमिंग भेजनी होगी। सभी जोने से टाइमिंग मिल जाने के बाद आईआरटीटीसी में अंतिम मुहर लगाई जाएगी। वंदे भारत की टाइमिंग के साथ ही एनईआर के अफसर वंदे मेट्रो के लिए रूट तैयार करने में जुट गए हैं। सूत्रों की मानें तो ये वह रूट हो सकते हैं जहां कम दूरी की इंटरसिटी चल रही है।
ऑटोमेटिक होंगे दरवाजे और एसी कोच
ट्रेन के खासियत की बात करें तो ट्रेन में 16 पूरी तरह से एसी चेयर कार के कोच हैं, जिनमें दो बैठने के ऑप्शन दिए गए हैं। इकॉनमी और एग्जीक्यूटिव क्लास। एग्जीक्यूटिव क्लास में रिवॉल्विंग चेयर दी गई है जो 180 डिग्री तक मुड़ सकती है। वंदे भारत एक्सप्रेस में प्रदान की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण सुविधाओं में से एक यह है कि इसके दरवाजे मेट्रो की भांति ही ऑटोमेटिक खुलते हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस उपयोगकर्ताओं के लिए इंटरनेट की सेवाओं का उपयोग करने के लिए ऑनबोर्ड वाई-फाई की सुविधा प्रदान कर रही है। इसके अलावा, मोबाइल फोन या टैबलेट पर कुछ पढऩे के लिए इंटरनेट का उपयोग कर पाएंगे।
सिक्योरिटी के साथ-साथ हर सीट पर होगा सॉकेट
ट्रेन के सभी 16 डिब्बों में यात्रियों की पूरी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ट्रेन के ऑटोमेटिक दरवाजे केवल तभी खुलेंगे, जब ट्रेन पूरी तरह से रुक जाएगी। ट्रेन तभी चलना शुरू करती है। जब दरवाजे पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। ट्रेन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यात्री ड्राइवर के केबिन की झलक देख सकें। सामान को रखने के लिए प्रत्येक कोच में मॉड्यूलर रैक दिए गए हैं और गातिमान एक्सप्रेस जैसी अन्य ट्रेनों की तुलना में अधिक विशाल भी हैं। ट्रेन के पेंट्री में भोजन और पेय पदार्थों को गर्म करने और ठंडा करने के लिए बेहतर गुणवत्ता के उपकरण भी दिए गए हैं। मोबाइल या लैपटॉप को आसानी से चार्ज करने के लिए कोच की हर सीट पर सॉकेट उपलब्ध कराए गए हैं।