गोरखपुर (ब्यूरो).मूल रूप से कानपुर देहात की रहने वाली डॉ। मीना पुष्कर के हसबेंड बृजेश स्वरुप दोहरे एनई रेलवे के वर्कशॉप में चीफ वर्कशाप इंजीनियर के पद पर तैनात हैैं। बेटा यथार्थ और पार्थ पढ़ाई के लिए दूसरे शहर में रहते हैैं, लेकिन ऑफिस के काम निपटाने के बाद वह अपने इनोवेशन पर ध्यान देती हैैं। डॉ। मीना बताती हैैं कि उनके इस काम में हसबेंड का पूरा सपोर्ट रहता है। कई बार रेलवे के वर्कशॉप में पुराने पड़े कबाड़ के आइटम्स को भी वहां के सौंदर्यीकरण में किस प्रकार का काम आ सकता है, उसके लिए बतौर एक्सपर्ट बुलाई जाती हैं। जहां पर उनके इनोवेशन की प्रशंसा होती है।
डॉ। मीना पुष्कर द्वारा बनाए गए क्रिएशन एंड इनोवेशन
- पुराने ड्रम से बनाए सोफे
- पुराने इंस्ट्रमेंट से मोर व घोड़े बनाए
- कील व बोल्ट से गार्डन बनाया
- पुराने पत्थर से वृक्ष बनाया गया है। जिसपर गौतम बुद्ध बैठे हैैं
- पुराने शीशे पर पेड़ की पत्तियां और डंठल से आकर्षित करता मिरर
- टेलकम पाउडर से आदिवासियों के लिए मास (चेहरा)
- शादी के कार्ड से इनवेलप
- आचार दानी से प्लांटेशन
- अखबार, खाने वाले गोंद व आटा से पेपर मैश आर्ट
- टेराकोटा के बैलगाड़ी
- लोहे के ड्रम से वॉटर फाउंटेन
- घर के मलवा से बनाया पहाड़
- सीमेंट और टाइल्स से कैकटस रॉकरी
- पुराने टॉयर में प्लाटेंशन
- बांस कटवाकर प्लांटेशन
- कबाड़ वाले सामान खरीदकर प्लांटेशन
- बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर महात्मा बुध की पेंटिंग
- महिला सशक्तीकरण पर वॉल पेंटिंग
- तीन महिलाओं की थ्री इंफेक्ट पेंटिंग
इन थीम्स पर करती है प्रोग्राम एंड पार्टी
- रजवाड़ा
- मुगल
- अरेबियन
- पंजाबी
- साउथ इंडियन
- रिपब्लिक डे स्पेशल
- गणपति उत्सव