- सिटी में डेली कुल 598 मीट्रिक टन निकलता है कूड़ा

- इतने कूड़ा डेली एक मेगावाट बन सकती है बिजली

GORAKHPUR: ऐसा कोई दिन नहींजाता जब सिटी में कूड़े को लेकर बवाल नहींहोता। लोग अपने घरों का कूड़ा सड़क पर फैला देते हैं। उसे उठाने के लिए जीएमसी को काफी मशक्कत करनी पड़ती हैं। अफसरों को शहर को साफ करने के लिए पसीना बहाना पड़ता है। इसके बावजूद भी सिटी में कूड़े की प्रॉब्लम सॉल्व होने का नाम नहींले रही है, लेकिन अब यही कूड़ा शहर को रोशन करेगा। यह सब होगा यूआईडीएसएसएमटी (Urban infrastructure Development Scheme for Small X Medium Towns) योजना के तहत। योजना में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को स्वीकृति मिल चुकी है। कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम के चलते यह योजना फंसी हुई है, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत कूड़े से बिजली पैदा होने लगेगी। ख्0क्0 में यूआईडीएसएसएमटी योजना के तहत सिटी को शामिल किया गया। योजना की पहली सौगात में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की मंजूरी मिली।

महेसरा में खरीदी जमीन

नगर निगम ने महेसरा में जमीन खरीदी और एक कंपनी को कूड़ा प्रबंधन का काम दिया। कंपनी ने डेढ़ साल तक काम किया। इस दौरान कंपनी ने उस जमीन पर कुछ कमरे बनवाए, साथ ही नगर निगम से क्ख् वार्र्डो से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट करने का काम शुरू किया। लेकिन कुछ दिन बाद कंपनी ने काम करने से मना कर दिया। कंपनी का कहना था कि जो जमीन उन्हें दी गई है वह गड्ढे में है। उनका शिकायत थी कि बारिश होने पर जमीन धंस सकती है। उनके जाने के बाद पिछले एक साल से सॉलिड वेस्ट मैनजमेंट का काम बंद अटका हुआ है। शासन के पास इसकी फाइल फंसी हुई है। नगर आयुक्त का कहना है कि हर मीटिंग में आश्वासन मिलता है कि जल्द ही टेंडर निकाल दिया जाएगा, लेकिन अभी टेंडर न निकलने के कारण सालिड वेस्ट मैनेजमेंट का काम अधूरा पड़ा हुआ है।

डेढ़ मेगावाट पैदा होगी बिजली

नगर निगम के सोर्सेज की मानें तो पिछली कंपनी के चले जाने के बाद मुंबई की एक कंपनी गोरखपुर आई थी। उसने सर्वे भी किया था। नगर आयुक्त का कहना है कि कंपनी के लोगों ने सर्वे करने के बाद बताया कि सिटी में जितना कूड़ा निकल रहा है, उससे डेढ़ मेगावाट बिजली पैदा हो सकती है। कंपनी का दावा है कि अगर उसे क्00 मीट्रिक टन कूड़ा और मिल जाए तो वे दो मेगावाट बिजली और पैदा कर सकते हैं। मुख्य सफाई निरीक्षक कहना है कि कंपनी वाले तो अधिक से अधिक बिजली पैदा करने के लिए कूड़ा एकत्रित करेंगे। इसलिए इस कंपनी के लोग केवल सिटी ही नहीं आस-पास के गांवों का भी कूड़ा एकत्रित करेंगे। ताकि अधिक से अधिक बिजली पैदा हो और अधिक से अधिक बिजली बेच सके।

यह होगा फायदा

-सिटी में रोजाना निकलता है भ्98 मीट्रिक टन कूड़ा।

-क्00 मीट्रिक टन कूड़ा पड़ता रहता है सड़कों पर।

-नगर निगम महेसरा में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए चयनित कर रखी जगह।

-डेढ़ मेगावाट बिजली रोजाना पैदा हो सकती इतने कूड़े से

-इससे सिटी को एक घंटा मिल सकती है अतिरिक्त बिजली

सिटी को गर्मी मौसम में क्8 घंटे और सर्दी में ख्ख् घंटे की बिजली मिलती है। नगर निगम के कूड़ा से अगर डेढ़ मेगावाट बिजली पैदा होगी तो सिटी को एक घंटे तक ज्यादा बिजली मिलेगी।

नवीन चंदा, एसडीओ, बिजली विभाग

ख्0क्0 में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट की योजना बनी थी। एक कंपनी ने काम शुरू किया था। कंपनी कचरे से खाद बनाने की बात कह रही थी, लेकिन वह कंपनी अधूरा काम छोड़कर भाग गई। अब नया टेंडर होने वाला है। संभावना है कि यह कंपनी कचरे से बिजली बनाएगी।

राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त