- बिजली विभाग के सब स्टेशन बता रहे आ रही गर्मी

- दो दिन पहले राप्तीनगर में प्रोटेक्शन सिस्टम फेल न होने ठप रहा 5 घंटे तक सब स्टेशन

- शहर के कई सब स्टेशन के ट्रांसफॉर्मर पर आने लगी ओवरलोडिंग

GORAKHPUR: गोरखपुर विद्युत वितरण निगम हर साल ट्रांसफॉर्मर्स की मरम्मत पर करोड़ों रुपए खर्च करता है। कारण है बिजली विभाग की लापरवाही। इसकी वजह से अधिकांश सब स्टेशन या ट्रांसफॉर्मर सालों पुराने सिस्टम से चल रहे हैं। जहां कुछ परिवर्तन हुआ, वह भी अब खाली डब्बे में तब्दील हो गए हैं। इसकी वजह से लगातार रिपेयरिंग की नौबत आ रही है और विभाग को हर माह करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। वहीं पब्लिक को भी कई दिनों तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ जाता है।

25 से अधिक स्वाहा

जिले में जितने भी ट्रांसफॉर्मर लगे हुए हैं, उनकी हालत दयनीय है। अक्सर ही सब स्टेशन के ट्रांसफॉर्मर दग जाते हैं। पिछले जून माह की बात करें तो जिले में 25 से अधिक पांच एमवीए के ट्रांसफॉर्मर जल चुके हैं। बिजली विभाग के जेई का कहना है कि ट्रांसफॉर्मर को बचाने के लिए एचटी फ्यूज लगाया जाता है। यह ट्रांसफॉर्मर के लिए सुरक्षा कवच के रूप में काम करता है। दरअसल प्रोटेक्शन सिस्टम लगे ट्रांसफॉर्मर की लाइन में अगर कोई खराबी आती है तो फ्यूज उड़ने की वजह से लाइन कट जाती है। इससे ट्रांसफॉर्मर जलने से बच जाता है।

करोड़ों का होता है नुकसान

छह माह पहले मेडिकल कॉलेज सब स्टेशन का एक पांच एमवीए का ट्रांसफॉर्मर दग गया। जिसको सही करने में बिजली विभाग को 24 घंटे का समय लग गया। इस ट्रांसफॉर्मर को सही करने में विभाग को लगभग 20 लाख रुपए खर्च करने पड़ गए। हालांकि बिजली विभाग सब स्टेशन के ट्रांसफॉर्मर को सही करने में आने वाले खर्च के बारे में नहीं बातते हैं, लेकिन इनके जलने से विभाग को तो नुकसान होता ही है साथ ही पब्लिक को भी परेशानी झेलनी पड़ती है। इसी तरह रुस्तमपुर का एक ट्रांसफॉर्मर पिछले साल जल गया था, जिसके कारण 15 दिन तक 15 हजार घरों को बिजली की मार झेलनी पड़ती है।