- एमडी ने सीयूजी नंबर यूज करने वाले अफसरों से मांगा रिकार्ड

- पहुंची थी फोन न उठाने और दो-दो सीयूजी नंबर यूज करने की शिकायत

GORAKHPUR: बिजली विभाग में इन दिनों एक पत्र को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के एमडी ने बिजली विभाग को आवंटित सीयूजी नंबर का हिसाब मांगा है। पत्र में यह भी कहा कि कई अफसर एक से अधिक सीयूजी नंबर यूज करके विभाग को आर्थिक क्षति पहुंचा रहे हैं, जबकि कई ऐसे नए अफसर हैं, जिन्हें अभी तक सीयूजी नंबर एलॉट नहीं किया गया है। मामला तब सामने आया, जब एक व्यक्ति पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के एमडी को पत्र लिखकर दो-दो सीयूजी नंबर यूज करने और सीयूजी नंबर पर फोन करने पर रिसीव न करने की शिकायत दर्ज कराई। उसके बाद एमडी ने गोरखपुर जोन से सीयूजी नंबर यूज करने वालों का हिसाब मांगा है।

10 के बाद नहीं उठता फोन

एमडी आफिस पहुंची कंप्लेन में एक मामला और सामने आया है, जिसमें सीयूजी नंबर यूज करने वाले अफसरों को फोन रिसीव न करने का आरोप लगा है। कई ऐसे जेई हैं, जिनके एरिया में कितना भी बड़ा फॉल्ट हो जाए, लेकिन वह रात 10 बजे के बाद से फोन रिसीव नहीं कर सकते हैं। वहीं कई ऐसे जेई हैं, जिनका दिन में भी मोबाइल नंबर पर फोन रिसीव नहीं होता। ऐसे में अब गर्मी आ रही है और लोकल फॉल्ट की संख्या अचानक बढ़ेगी, लेकिन फोन न उठने के कारण पब्लिक को परेशानियों का सामना करना पड़ जाएगा।

सीयूजी का गलत इस्तेमाल

पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के एसई अरुण कुमार ने गोरखपुर जोन के चीफ इंजीनियर को पत्र लिखकर एक्सईएन, एसडीओ और जेई द्वारा यूज किए जा रहे सीयूजी नंबर का डिटेल मांगी गई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचल में तैनात जूनियर इंजीनियर्स एक से अधिक मोबाइल नंबर यूज करने सूचना मिली है। उन लोगों से लोकल अफसर पूछते हैं तो वह कहते हैं कि उनके पास दूसरे क्षेत्र का प्रभार है, जिसके कारण वह यूज कर रहे हैं। इसमें एक नंबर उनके मूल क्षेत्र का है, जबकि दूसरा उनके प्रभार क्षेत्र का, लेकिन प्रभार क्षेत्र वाले सीयूजी नंबर का बिल अधिक आ रहा है। वहीं कुछ ऐसे भी सीयूजी नंबर सामने आए हैं, जो उपकेंद्र के नाम से एलॉट हैं फिर भी उनका बिल बहुत अधिक आ रहा है।

बनारस हेड ऑफिस से बिजली विभाग के अफसरों द्वारा यूज किए जा रहे मोबाइल नंबर के रिकार्ड की मांग की गई है। इसमें ग्रामीण और शहरी विरतण खंडों में आवंटित सीयूजी नंबर का कौन इस्तेमाल कर रहा है, यह रिपोर्ट तैयार की जा रही है, इस सप्ताह पूरा रिकॉर्ड एमडी ऑफिस को भेज दिया जाएगा।

एके ओझा, एसई, चीफ इंजीनियर, कार्यालय गोरखपुर जोन