गोरखपुर (ब्यूरो)। आपको अपने अंदर छिपे टैलेंट को पहचानने की जरूरत है। सक्सेसफुल कॅरियर बनाने के लिए स्किल के साथ ही इंटरेस्ट और पर्सनालिटी भी जरूरी है। यह बातें सामने आईं अमृता विश्वविद्यापीठम और दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से ऑर्गनाइज सेमिनार में, जहां गेस्ट्स और मेमोरी ट्रेनर ने स्टूडेंट्स को कामयाबी के फंडे दिए। सेमिनार के जरिए स्टूडेंट्स को यह भी मालूम हुआ कि उन्हें कामयाबी की सीढ़ी चढऩी है तो इसके लिए क्या फंडे अपनाने होंगे।

किताबों से करें दोस्ती : सीपीआरओ

कार्यक्रम के चीफ गेस्ट एनई रेलवे के सीपीआरओ (आईआरएसई) पंकज कुमार सिंह ने स्टूडेंट्स को कॅरियर से जुड़े अहम टिप्स दिए। उन्होंने कहा, 'टेक्नोलॉजी दिन प्रतिदिन अपडेट हो रही है। स्मार्टफोन को आप उतना ही देर यूज करें, जितनी जरुरत हो। साथ ही हफ्ते में एक दिन फन डे रखें और उस दिन स्मार्टफोन को यूज करें। बाकी के टाइम उससे दूरी बना लें। आप ज्यादा से ज्यादा किताबें पढ़ें। इससे कॉन्सनटे्रशन लेवल बढ़ता है। जीवन में सफल होने के लिए तीन चीजें बहुत जरूरी हैं। पहला कि आप अच्छी किताबें पढ़ें। दूसरा कि डेली खेल को कम से कम एक घंटा दें। इससे आप मेंटली और फिजिकली फिट रहेंगे। तीसरा आप सभी कल्चरल एक्टिीविटीज में पार्टिसिपेट करें। इससे खुद को एक्सप्लोर करने का मौका मिलता है। असफलता से डरें नहीं बल्कि उससे सीखने की कोशिश करें, क्योंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.Ó उन्होंने स्टूडेंट्स से भी इंटरैक्ट किया और कॅरियर से रिलेटेड डाउट्स को दूर किया।

अपना पर्सनल मीनिंग सिस्टम बनाएं

कॅरियर काउंसिलिंग सेशन में स्टूडेंट्स की काउंसिलिंग कर रहे मेमोरी ट्रेनर और मोटिवेशनल स्पीकर डॉ। तुषार चेतवानी ने बताया, हर कोई चीजों को अपने-अपने हिसाब से याद रखता है। आप सभी अपना एक पर्सनल मीनिंग सिस्टम बनाएं। इससे आप पढ़ी हुई चीजों को ज्यादा देर तक याद रख सकेंगे। उन्होंने कहा कि अगर गोल सेट कर लिया गया है तो कॅरियर में भटकाव नहीं होगा। शुरुआत में थोड़ा मुश्किलें जरूर आएंगी, लेकिन इनसे हार नहीं माननी है। आप अपना एक गोल सेट करें और उसको कहीं पर लिख लें। इसके बाद उसे रोजाना देखते रहें। इससे आपका पूरा फोकस आपके गोल पर ही रहेगा। जैसा हमारा माइंडसेट होता है। वैसा ही रिजल्ट भी होता है। मेमोरी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारा दिमाग एक घड़े की तरह है, जिसमें एक छोटा छेद है। इस छेद से इंफॉर्मेशन बाहर आती रहती है। उन्होंने बताया कि एग्जामिनेशन एक रिकलेक्शन है। अगर हम अपनी पढ़ी हुई चीजों को रिकलेक्ट कर लेते हैं तो वह हमेशा याद रहेंगी।

फोटोग्राफिक मेमोरी का इस्तेमाल करें

डॉ। तुषार ने स्टूडेंट्स को पढऩे के टिप्स देते हुए बताया कि अगर किसी चीज को याद करना है तो इसके लिए उन्हें बजाए सुनने के पढऩे में ध्यान लगाना चाहिए। अगर वह अपनी पढ़ाई को विजुअलाइज कर मेमोराइज करेंगे, तो रिजल्ट काफी बेहतर हो सकते हैं। वजह बताते हुए डॉ। तुषार ने कहा, जो हम देखते हैं और जो सुनते हैं, इसमें 20 गुना फर्क होता है। आई से ब्रेन में जाने वाली नर्व, ईयर से ब्रेन में जाने वाली नर्व से 20 गुना पॉवरफुल होती है, जिससे हम कुछ भी याद करते हैं, तो विजुअल स्टोरी हमें जल्दी याद होती है, जबकि सुनने वाली स्टोरी को याद करने में वक्त लगता है। उन्होंने कहा कि सभी फोटोग्राफिक मेमोरी के साथ पैदा हुए हैं, इसलिए सभी को इसका भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने प्रैक्टिकल एक्सरसाइज कराकर अपनी इस बात को प्रूव भी किया।

यूनिवर्सिटी सेलेक्ट करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

डॉ। तुषार ने स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी सेलेक्ट करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अगर आप किसी भी इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेने जा रहे हैं तो ये जरूर चेक करें कि उसके कोर्सेज रिकोगनाइज्ड हैं या नहीं। अमृता विश्वविद्यापीठम के सभी कोर्स रिकोगनाइज्ड हैं। यहां 100 से ज्यादा डिपार्टमेंट्स में 182 से ज्यादा प्रोग्राम्स हैं। अमृता के अमरावती, अमृतापुरी, बेंगलुरू, चेन्नई, कोयंबटूर और फरीदाबाद में ब्रांच है। फरीदाबाद में 2600 बेड का हॉस्पिटल भी है। यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल रिसर्च पेपर्स, पेटेंट्स, प्रोजेक्ट्स, पीएचडी और प्लेसमेंट पर जरूर ध्यान दें। इसके साथ ही उसकी एनआईआरएफ रैंकिंग और नैक ग्रेडिंग भी अच्छी हो।