- तेज रफ्तार बस ड्राइव करने वाले ड्राइवर्स पर यूपी रोडवेज के अधिकारी नहीं लगा पा रहे अंकुश
- बड़ी दुर्घटना होने पर यूपी रोडवेज के आरएम ने कार्रवाई का दिया भरोसा
GORAKHPUR: राहगीरों के जिंदगी से खेलने वाले अनुबंधित बस ड्राइवर्स बेलगाम हो चुके हैं। गाडि़यों का स्टेयरिंग पकड़ने के साथ ही यह बेकाबू हो जाते हैं और कईयों की जिंदगी खतरे में डाल देते हैं। अफसर भी खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाकर अपनी जिम्मेदारी से कन्नी काट ले रहे हैं। शायद ही कोई ऐसा दिन हो, जब अनुबंधित बस की चपेट में कोई राहगीर न आया हो। बावजूद इसके रोडवेज डिपार्टमेंट अब तक इनपर न तो कोई एक्शन ले सका और न ही ऐसी घटनाओं पर लगाम ही लग सकी है। मंगलवार को हुई घटना भी इस बेलगाम रफ्तार का ही नतीजा है।
नहीं होती कोई कार्रवाई
यूपी रोडवेज की कुल 221 अनुबंधित बसें हैं। इनमें देवरिया डिपो में सबसे ज्यादा 98 अनुबंधित बसें हैं, वहीं गोरखपुर डिपो में इनकी तादाद 87 है। तेज रफ्तार से चलने वाली इन बसों के खिलाफ यूपी रोडवेज के अधिकारियों की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। हैरानी इस बात की पिछले पांच सालों में जितने भी एक्सीडेंट हुए हैं। इनमें एक भी अनुबंधित बस ड्राइवर्स के खिलाफ विभागीय कार्रवाई नहीं की गई। जब भी कोई घटना होती है तो कार्रवाई की बात आती है, अधिकारी भी सिर्फ आश्वासन देकर अपनी जिम्मेदारी से पलड़ा झाड़ लेते हैं।
ओवर स्पीड तो आम बात
रोडवेज की अनुबंधित बसों में रूल तोड़ना कोई नई बात नहीं है। जितनी भी घटनाएं हुई हैं, ज्यादातर घटनाओं में यह बात सामने आई है कि इसमें ड्राइवर की ही गलती है। ओवर स्पीड तो इन ड्राइवर्स की खासियत है और यह इनके लिए आम बात है। वहीं न तो इन ड्राइवर्स के डीएल होते हैं और ना ही यह सेफ्टी रूल ही फॉलो करते हैँ। यूपी रोडवेज की तरफ से इन बेलगाम बस ड्राइवर्स को 60-70 किमी। प्रति घंटा की स्पीड से चलाने का दिशा निर्देश प्राप्त है, जबकि फेरा पूरा करने के चक्कर में ये 90-110 की स्पीड से बस दौड़ाने से बाज नहीं आते।
पुलिसकार्रवाई पर बिफरे
पिछले महीने खोराबार पुलिस की तरफ से तेज रफ्तार चलाने वाले बस ड्राइवर्स के खिलाफ चालान काटा गया था। इसके लिए एआरएम से लेकर आरएम तक सभी ने नाराजगी जाहिर की थी। इसी के बाद आरएम सुग्रीव कुमार राय ने सभी अनुबंधित बस मालिकों को निर्देशित किया था कि वाहन स्वामी अपने ड्राइवर्स की स्पीड पर लगाम लगाए। अन्यथा दो बार चेतावनी देने के बाद 500 रुपए का जुर्माना चार्ज किया जाएगा। इसके बाद भी न माने जाने पर सीधे बस का अनुबंध समाप्त किया जाएगा। लेकिन उसके बाद से दर्जनों घटनाएं हो गई और रोडवेज को लाखों का नुकसान भी हुआ, मगर जिम्मेदारों ने कार्रवाई करने की जहमत नहीं गवारा की।
अनुबंधित बस ड्राइवर्स के खिलाफ कार्रवाई के लिए ऑल रेडी एआरएम को निर्देशित किया जा चुका है। वह कार्रवाई क्यों नहीं करते। इसके लिए पूछताछ की जाएगी।
सुग्रीव कुमार राय, आरएम, यूपी रोडवेज