- एक साल में दोगुनी और तीन साल में चौगुनी बढ़ी बिजली की मांग
- अप्रैल माह में खपत रिकॉर्ड देख अफसरों के छूट पसीने
- सबसे अधिक इस साल खरीदे गए हैं एयर कंडीशन
GORAKHPUR: शहर में पिछले तीन साल में बिजली की मांग दोगुनी हो चुकी है। वहीं बिजली की आपूर्ति में महज 20 से 30 प्रतिशत तक ही इजाफा हो सका है। हालत यह है कि शहर में बिजली की बढ़ी मांग और आपूर्ति की कमी का असर अब लोगों को कटौती के तौर पर झेलना पड़ रहा है। इसकी वजह से लोकल फॉल्ट की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। शहर के कई इलाकों में तो शाम के समय ट्रांसफॉर्मर से चिंगारी निकलने की घटनाएं आम हो गई हैं।
अप्रैल में बढ़ता है लोड
गोरखपुर जोन के चीफ इंजीनियर डीके सिंह का कहना है कि अप्रैल माह में सिस्टम का लोड बढ़ जाता है। इसके पीछे कई कारण हैं। ग्रामीण इलाकों में इस समय फसलों की कटाई होती है, वहीं सब्जी आदि की बोआई का समय भी यही है। इस दौरान पानी की काफी जरूरत होती है, जिसकी वजह से बिजली की काफी ज्यादा आवश्यकता होती है। एग्जाम के समय भी बिजली की डिमांड बढ़ जाती है। वहीं होली के बाद अचानक गर्मी शुरू होने के कारण बिजली की मांग अधिक पड़ती है, जिससे सिस्टम पर लोड अधिक पड़ता है। उनका कहना है कि शहर के सिस्टम पुराने हैं, जिसके कारण लोकल फॉल्ट हो रहा है।
विभाग ने बढ़ा दी मुसीबत
लोड को प्रॉपर करने में बिजली विभाग को काफी मशक्कतें करनी पड़ रही हैं। उन्होंने इसका तरीका यह निकाला है कि मोहल्लों में उन्हें जिस घर में एसी नजर आता है, विभाग कंज्यूमर्स का लोड तो बढ़ा देता है। मगर वह इसका बिल्कुल भी ख्याल नहीं करते कि उस गलियों के तारों की क्षमता इतनी नहीं है कि इसका लोड बढ़ सके। इसकी वजह से जैसे ही गलियों में कई एसी एक साथ चालू होते हैं, तो लोड बढ़ने की वजह से फॉल्ट हो जाते हैं। छोटे से फॉल्ट को सही करने में विभाग को घंटो लग जाते हैं और इस बीच पब्लिक को भीषण गर्मी में वक्त गुजारना पड़ता है।
साल खपत (मेगावाट) सप्लाई(मेगावाट)
2012 190 से 200 150
2013 220 से 230 170
2014 240 से 250 200
2015 250 से 260 250
2016 400 के लगभग 350
नोट- यह आंकड़ों प्रत्येक साल के अप्रैल माह के लगभग में हैं।
बिजली की खपत अचानक बढ़ी है, जिसके कारण सिस्टम पर लोड पड़ रहा है। इस लोड को कम करने और लोगों के घरों में अच्छी बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रयास हो रहा है।
डीके सिंह, चीफ इंजीनियर गोरखपुर जोन