-यूपी की जूनियर टीम का मिला कैंप, मिट्टी पर करनी होगी प्रैक्टिस
-एसएसबी के सहारे थी मैट प्रैक्टिस, ट्रांसफर होने से फेल हुआ जुगाड़
-दिसंबर के फर्स्ट वीक से शुरू होगा कैंप
GORAKHPUR: नेशनल में मेडल के लिए मैट पर प्रैक्टिस कराने का यूपी का जुगाड़ भी फेल हो गया। अब कबड्डी के खिलाडि़यों को मिट्टी पर ही प्रैक्टिस कर नेशनल में मेडल के लिए दम दिखाना होगा। खिलाडि़यों को मेडल दिलाने के लिए यूपी एसोसिएशन ने जुगाड़ का खेल खेला था। इसके तहत यूपी की जूनियर टीम का कैंप गोरखपुर में लगना है। नेशनल कॉम्प्टीशन मैट पर होता है। मैट पर परफॉर्मेस को बेहतर करने के लिए यूपी टीम का कैंप भी मैट पर लगना था। मगर यूपी के अधिकांश जिलों में मैट नहीं है। इसको जानने के बावजूद यूपी टीम का कैंप गोरखपुर को दिया गया। गोरखपुर में मैट नहीं है, मगर एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) है और एसएसबी में मैट है। मतलब मेडल के लिए लगा यूपी टीम का कैंप जुगाड़ पर टिका था।
एसएसबी से ट्रांसफर हुआ मैट
फर्टिलाइजर स्थित एसएसबी में सभी गेमों को बढ़ाने के लिए खिलाडि़यों को पूरी सुविधा दी जाती है। फिर चाहे फुटबाल के खिलाड़ी हो या कबड्डी की। एसएसबी में कबड्डी की टीम के साथ मैट की भी व्यवस्था थी। क्योंकि सभी नेशनल और इंटरनेशनल कॉम्प्टीशन मैट पर ही हो रहे हैं, इसलिए एसएसबी के खिलाड़ी मैट पर ही प्रैक्टिस करते थे। मगर धीरे-धीरे टीम के खिलाड़ी ट्रांसफर हुए और गोरखपुर से एसएसबी की कबड्डी टीम न के बराबर हो गई। इससे खाली पड़े मैट को भी हरियाणा भेज दिया गया।
मिट्टी पर ही होगी प्रैक्टिस
नेशनल के लिए यूपी की जूनियर टीम का कैंप गोरखपुर में दिसंबर के फर्स्ट वीक से शुरू होगा। इसके लिए एसोसिएशन तैयार था। मगर दो दिन से उसकी टेंशन बढ़ गई है। कैंप में प्रैक्टिस मैट पर होनी थी। गोरखपुर में मैट नहीं है, मगर एसएसबी के भरोसे जिला एसोसिएशन के मेंबर्स ने कैंप को एसेप्ट कर लिया। मतलब जुगाड़ के सहारे ब्वॉयज और गर्ल्स की प्रैक्टिस एसएसबी में लगे मैट पर हो जाती। मगर मैट के चले जाने से एसोसिएशन मेंबर्स के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई। आखिर नेशनल में मेडल जीतने के लिए खिलाडि़यों को कैंप में भी मिट्टी में ही प्रैक्टिस करनी पड़ेगी। खिलाडि़यों को मैट पर प्रैक्टिस कराने का एसोसिएशन का जुगाड़ फेल हो गया।
वर्जन-
यूपी की जूनियर टीम का कैंप दिसंबर के फर्स्ट वीक में लगना है। इसके लिए तैयारी पूरी है। मैट पर प्रैक्टिस कराने की कोशिश कर रहे थे, मगर एसएसबी के मैट ट्रांसफर होने से अब प्रैक्टिस मिट्टी पर ही होगी। पूर्वाचल क्या अधिकांश जिलों के स्टेडियम में कबड्डी के लिए मैट नहीं है। इससे मजबूरन खिलाडि़यों को मिट्टी पर प्रैक्टिस करनी पड़ती है।
प्रभात पांडेय, संयुक्त सचिव उप्र कबड्डी संघ