- आगलगी की घटनाओं में करोड़ों की गेहूं फसल जलकर हुई खाक
- मुआवजे के लिए सरकार ने जारी किए सिर्फ 20 लाख, सिर्फ 40 ने किया आवेदन
GORAKHPUR: पछुवा हवा चलने पर खेतों में तबाही मचा दी है। जिले में छह दिनों के अंदर कई सौ एकड़ फसल जल कर राख हुई। इसकी वजह से किसानों के सपने धू-धू कर जल गए। इस अगलगी से करोड़ों की फसल जलकर खाक हो गई लेकिन उनके जख्मों पर मरहम लगाने के लिए गोरखपुर को महज 20 लाख रुपए ही मिले हैं। हर ढाई एकड़ पर खलिहान बीमा योजना के तहत किसानों को मुआवजा दिया जाना है। इसके लिए कुल 200 फार्म बांटे गए हैं, जिसमें केवल 40 किसानों ने ही आवेदन किया है।
झटके में टूटे अरमान
अगलगी की घटनाओं के बाद किसानों के अरमान अधूरे रहे गए हैं। खेत में गेहूं की बुआई के बाद से लेकर अब तक फसल तैयार होने की कामना करते हैं। फसल तैयार हुई तो पछुआ हवाएं कहर बनकर उनकी फसलों पर बहीं, जिससे किसानों के सपने चूर हो गए। आज हालत यह है कि दूसरों का पेट भरने के लिए अनाज उगाने वाले किसान दो जून की रोटी के लिए मोहताज। उनके सामने परिवार के भरण-पोषण का संकट पैदा हो गया है। सरकार उन्हें मुआवजा तो दे रही है, लेकिन यह उनके दर्द पर मरहम लगाने के लिए नाकाफी हैं। इन पैसों से वह अपना कर्ज उतारने के साथ ही परिवार की रोजी-रोटी कितने दिनों तक चला सकेंगे? यह एक बड़ा सवाल है।
लगाए गए एरियाज के सचिव
गोरखपुर, सहजनवां, चौरीचौरा आदि में अगलगी की घटनाओं पर मंडी परिषद की टीम लगा दी गई है। वह क्षेत्र में सर्वे के दौरान किसानों को मुआवजे के लिए फार्म दे रहे हैं। सूत्रों की मानें तो मंडी प्रशासन की मनमानी की वजह से अभी भी बहुत सारे किसान इससे वंचित हो गए है। हालांकि मंडी सचिवके नेतृत्व में तहसील स्तर पर अगलगी जांच कराई कराई जा रही है। इसके बाद एसडीएम की स्वीकृति पर उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। वहीं ज्यादा नुकसान होने वाल किसानों को जांच के उपरांत ही सहायता राशि दी जाएगी।
मुआवजा की राशि
ढाई एकड़ - 15000
ढाई एकड़ से ऊपर -20000
पांच एकड़ - 30000
गोरखपुर मंडल में अगलगी से नुकसान हुई फसल पर किसानों को मुआवजा देने के लिए 80 लाख रुपये दिए गए है। हर गांव में टीम फार्म बांट रही है। जांच के तुरंत बाद सहायता राशि दी जाएगी।
राजीव श्रीवास्तव, उप निदेशक विपणन प्रशासन, मंडी परिषद