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इस बार चाय पर चर्चा के सिलसिले में आई नेक्स्ट टीम ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र के बड़गो चौराहा पहुंची। आज भी इस इलाके के तमाम गांव विकास से पूरी तरह अछूता हैं। बांध के दूसरी तरफ रहने वाले लोगों को पिछड़ेपन का दंश झेलना पड़ रहा है। बाढ़ की चपेट में आने से इस एरिया में मुश्किलें बढ़ जाती हैं। जबकि बांध के इस पार रहने वाले लोगों के लिए यहां की खराब सड़कें विकास के दावे करने वाले जनप्रतिनिधियों के नाम पर गुस्सा दिलाने का काम कर रही हैं। आई नेक्स्ट रिपोर्टर

विधान सभा क्षेत्र: गोरखपुर ग्रामीण

स्थान: बड़गो चौराहा

समय: तीन बजे

चुनाव करीब है तो चाय के ठियों पर चुनावी चौपाल जम ही जा रही है। ऐसी ही एक चौपाल में आई नेक्स्ट रिपोर्टर पहुंचता है और चुपचाप बैठकर सुनने लगता है। एक शख्स अपनी रौ में हैं। नाम पूछने पर पता चलता है कमलेश यादव हैं

कमलेश यादव: यहां हर आदमी बस दुइए शौक रखता है। या तो नेता बनने का या गुंडा बनने का। लेकिन भाई विधायक बनने के बाद कोई इधर झांक कर नहीं देखता कि यहां के लोग कैसे रह रहे हैं।

सीताराम: (कमलेश को रोकते हुए.) इसीलिए तो कहते हैं, बहन जी की सरकार बनाओ बस मिलकर, तब देखो विकास की गंगा बहेगी। उसके बाद सब नेता लोग घर-घर जाकर काम करेगा और अधिकारी सरपट दौड़ेंगे।

साहब यादव: अरे छोड़ा चाचा। आपके बहन जी की सरकार में देख लिया गया। पांच साल थीं तो, क्या हुआ यहां। जैसे पहले था, वैसा भी उसके बाद भी। अलबत्ता सपा सरकार में कुछ काम जरूर हुआ है। एक बार अउर सरकार बन जाए, तब सब ठीक हो जाएगा।

ओमप्रकाश: (बात बर्दाश्त नहीं कर सके और बोल पड़े.) बेवजह की बात मत किया कीजिए आप लोग। जो लोग अपने परिवार का झगड़ा नहीं सुलझा सके ऊ लोग विकास क्या करेंगे। गरीबों का अगर कोई भला कर सकता है कि तो सिर्फ बहन जी और कोई नहीं।

भगवती प्रसाद: (बीच में टोकते हुए बोले.) अरे भाई, इसीलिए तो बोल रहे हैं अबकी बार मोदी सरकार बनेगी। उसके बाद आपके भइया और बहन जी जो कुछ नहीं कर पाएं वो सब हो जाएगा। लेकिन आप लोग तो बस अभी भी उसी में डूबे पड़े हैं।

जगदीश: दोनों लोगों की बात का मौज लेते हुए हंस पड़े। सब जनी यहीं चौराहा पर बैठके लड़ा। भले राजनीति समझ में आए या नहीं। अखिलेश भइया ई सब कुछ बस इसलिए किए ताकि पार्टी के गद्दारों को बाहर निकाला जा सके और सही आदमी को टिकट देकर चुनाव में लाया जाए। समझे।

सत्यप्रकाश: अरे जाने दीजिए। पांच साल में आपके अखिलेश भइया चाहे होते ना तो इहां का रोड कबका बन गया होता, लेकिन चुनाव जीतने के बाद बहन जी के अलावा जनता से किसी नेता को कौनो-लेना देना नहीं होता है। आप लोग का तो लगता है आंख ही बंद है।

अब्दुल हसन: (सत्यप्रकाश की बात का जवाब देते हुए.) अरे अभी इस सब बहस करने से कउनो फायदा है का? जनता कुछ देखकर और सोचकर ही सपा की सरकार बनवाई थी। जिसका वादा भी सपा ने पांच साल में पूरा कर दिया। प्रदेश में कितना विकास हुआ है इसका अंदाजा है का आप लोगों को? देखिएगा फिर सपा की ही सरकार आ रही है।

साहब यादव: (अब्दुल हसन का समर्थन करते हुए) सही कह रहे हैं भइया। यही वजह है कि आज तक इस क्षेत्र का कुछ हो ही नहीं पाया। सही आदमी को यहां के लोग वोट देंगे नहीं और विकास की बात करेंगे। पांच साल में सपा ने बहुत विकास किया है। जबकि नोटबंदी से सिर्फ गरीब जनता को परेशान किया गया।

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टी-प्वॉइंट

जब से चुनाव नजदीक आया है। तब से दिन भर दुकान पर लोगों का जमावाड़ा लगा रहता है। कई बार ऐसा भी होता है कि लोग आपस में अपनी सरकार को सही ठहराते हुए झगड़ा भी करने लगते हैं। गांव में चाय की दुकान उतनी नहीं चलती थी। आठ साल पहले यहां चौराहा होने से दुकान खोल लिए। हम तो बस चाय देते रहते हैं और लोगों की बहस सुनकर मजा लेते हैं। कभी-कभी तो ऐसा लगता है जैसे यहीं लोग आपस में बात नहीं कर रहे, बल्कि जैसे सदन में बहस कर रहे हैं। सरकार की की बने, लेकिन इस क्षेत्र का विकास और यहां की सड़कें ही यहां की सबसे बड़ी समस्या है।

-बालकरन यादव, चाय दुकानदार