- चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारी अधिकारियों से लगाने लगे जुगाड़
- बीमारी और घर में शादी के सबसे अधिक आ रहे अप्लीकेशन
GORAKHPUR: प्रशासन जहां एक तरफ चुनाव की तैयारी में अपना पूरा जोर लगा रहा है, वहीं बड़ी संख्या में टीचर्स और सरकारी कर्मचारी चुनाव में लगी ड्यूटी कटवाने की जुगत में लगे हैं। अभी से अधिकारियों के पास ड्यूटी ना लगाने की अप्लीकेशंस आने लगी हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि उनके यहां से लगभग 150 से अधिक अप्लीकेशन आए हैं। इसके अलावा अन्य लोग भी जुगाड़ लगाने के लिए संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं।
3705 हैं बूथ
जिला प्रशासन ने जिले की नौ विधानसभा सीटों पर चुनाव कराने की लगभग पूरी तैयारी कर ली है। कुछ तकनीकी प्वॉइंट की तैयारी नहीं हुई है, लेकिन उन पर कागजी तैयारी पूरी हो गई है। बूथों पर मतदान कराने के लिए कर्मचारियों की भी लिस्ट तैयार हो रही है। जिला निर्वाचन विभाग के आंकड़ों की मानें तो जिले में कुल 3705 बूथ हैं। एक बूथ पर कम से कम चार कर्मियों की ड्यूटी लगती है। इसके अलावा लगभग 300 कर्मियों को रिजर्व रखा जाता है ताकि अचानक कोई कर्मी बीमार पड़ा तो उसके स्थान पर रिजर्व कर्मी को ड्यूटी पर लगाया जा सके।
शादी और बीमारी है बहाना
चुनाव में ड्यूटी को लेकर कर्मचारी सबसे अधिक बहाना शादी का बना रहे हैं। इसमें कर्मी अपने बेटे और बेटियों की शादी की बात कहने के साथ ही भतीजा-भतीजी, ससुराल आदि रिश्तेदारी में शादी की बात कह रहे हैं। इसके अलावा अपनी और पत्नी की बीमारी के भी कई अप्लीकेशन सामने आए हैं। बांसगांव के एक टीचर ने नाम ना छपने की शर्त पर अपना अप्लीकेशन दिखाया, जिसमें एक शादी का कार्ड भी लगा हुआ था। उन्होंने बताया कि गांव में ही मेरे एक जाति के भाई हैं जिनके बेटे की शादी है। इस कार्ड से भतीजे की शादी की बात बताकर ड्यूटी से बचना चाहते हैं। वहीं एक डाक कर्मी अपनी वर्षो से जारी बीपी और शुगर की दवा की पर्ची को अप्लीकेशन में लगाकर ड्यूटी से बचना चाह रहे हैं। वहीं बहुत से ऐसे कर्मी हैं जो अगले एक से छह माह के अंदर रिटायर्ड होने वाले हैं। वे भी अपनी ड्यूटी कटवाने के लिए रिटायरमेंट करीब होने का हवाला देने में लगे हैं।
लगा रहे जुगाड़
ड्यूटी ना करनी पड़े इसके लिए कर्मचारी केवल अप्लीकेशन के साथ प्रूफ ही नहीं दे रहे, बल्कि जुगाड़ लगाने की जुगत में भी लगे हैं। जिले के सबसे बड़े अधिकारियों से किसका परिचय है और यह अधिकारी किसकी बात सुनेंगे, ये पता लगाया जा रहा है। कई कर्मचारी किसी अधिकारी से संपर्क करके अपनी ड्यूटी से नाम कटवाने की जुगाड़ में लगे हुए हैं।