गोरखपुर (ब्यूरो)। इसी वजह से आज बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स सुसाइड कर रहे हैं। वल्र्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे के मौके पर गोरखपुर यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजी डिपार्टमेंट में स्टूडेंट्स के लिए 'फ्री स्ट्रेस चेकअप कैंपÓ ऑर्गनाइज हुआ। इसमें ज्यादातर स्टूडेंट्स में ओवरस्ट्रेस और डिप्रेशन की प्रॉब्लम पाई गई। इसपर काउंसलर्स ने उन्हें काउंसिलिंग सेशन में आने की सलाह दी।
तीन तरह के हुए टेस्ट
स्ट्रेस चेकअप कैंप में स्टूडेंट्स का साइकोलॉजिकल इम्युनिटी टेस्ट, लाइफ सैटिस्फैक्शन और डिप्रेशन और एंग्जाइटी का लेवल चेक किया गया। साइकोलॉजिकल इम्युनिटी टेस्ट में यह देखा गया कि वे किस तरह खुद को अलग-अलग समय में एडजस्ट कर लेते हैं। लाइफ सैटिस्फैक्शन में यह देखा गया कि वे अपनी लाइफ को लेकर कितने संतुष्ट हैं।
काउंसिलिंग की जरूरत
कैंप में 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स का चेकअप हुआ। इसमें 50 प्रतिशत स्टूडेंट्स का डिप्रेशन लेवल सीवियर आया। वहीं, करीब 30 परसेंट स्टूडेंट्स मॉडरेट लेवल के डिप्रेशन का शिकार मिले। इन सभी स्टूडेंट्स को स्ट्रेस कम लेने के साथ ही काउंसलर्स ने थेरेपी लेने की सलाह दी।
फ्राइडे और सैटर्डे होती है काउंसिलिंग
यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजी डिर्पाटमेंट में हर शुक्रवार और शनिवार को साइकोलॉजिकल काउंसिलिंग ऑर्गनाइज की जाती है। यह फ्री ऑफ कॉस्ट होती है। कोई भी स्टूडेंट अगर स्ट्रेस या डिप्रेशन का शिकार है तो वह इन दोनों दिनों में दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक काउंसलर्स से कंसल्ट कर सकते हैं।
स्ट्रेस चेकअप कैंप में आए ज्यादातर स्टूडेंट्स में सीवियर स्ट्रेस और डिप्रेशन देखा गया। उन्हें थेरेपी लेने की सलाह दी गई है। किसी भी स्टूडेंट को अगर कोई दिक्कत है तो वह कंसल्ट कर सकता है।
वत्सला पाठक, काउंसलर
मेंटल हेल्थ को लेकर स्टूडेंट्सस अवेयर नहीं है। इसी वजह से वह डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। मॉडरेट और सीवियर लेवल स्टे्रस वाले स्टूडेंट्स को काउंसिलिंग अटेंड करने की सलाह दी गई।
शुभांकर राय, काउंसलर