- सीबीसीआईडी की जांच के बाद नये साल में हो सकती है बड़ी कार्रवाई
- चर्चित पेपर आउट मामले पर होने वाली एग्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक की डेट हुई डिक्लेयर
- 11 जनवरी 2016 को होने वाली कार्यपरिषद की बैठक में लिए जा सकते हैं बड़े फैसले
GORAKHPUR : नए साल के आगाज के साथ ही यूनिवर्सिटी में बड़ा धमाका हो सकता है। सेशन 2011-12 के चर्चित 'पेपर आउट' बम फूटने के पूरे चांसेज हैं। सीबीसीआईडी की जांच में दोषी करार परीक्षा नियंत्रक समेत आठ कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। अब इंतजार है तो जनवरी के दूसरे हफ्ते में होने वाली एग्जिक्युटिव काउंसिल की बैठक का, जिसमें करीब 5 साल पुराना मामले में बड़ी कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है। इससे पहले दो बार ईसी की बैठक पोस्टपोन की जा चुकी है, जिसकी वजह से यह कार्रवाई नहीं हो सकी है। अब यूनिवर्सिटी के ने ईसी की बैठक के लिए 11 जनवरी 2016 डेट डिक्लेयर की है, जिसके बाद यूनिवर्सिटी में बड़ी कार्रवाई की बड़े ही जोरो-शोर से चर्चा है।
11 जनवरी को होंगे अहम फैसले
सेशन 2011-12 के चर्चित पेपर आउट प्रकरण में सीबीसीआईडी की जांच में परीक्षा नियंत्रक समेत आठ कर्मचारियों दोषी पाए गए। इसके खिलाफ कार्रवाई होनी है। इसके लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दो बार एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक की डेट भी डिक्लेयर कर दी थी। पहली डेट 24 सितंबर डिसाइड थी। जबकि दूसरी डेट 30 सितंबर को, लेकिन दोनों बार ही डेट पोस्टपोन कर दी गई। सूत्रों की माने तो 11 जनवरी को होने वाली बैठक में परीक्षा नियंत्रक समेत आठ कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश सुनाए जा सकते हैं।
क्या था प्रकरण?
यूनिवर्सिटी प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2011-12 की परीक्षा के दौरान बीए फर्स्ट इयर अंग्रेजी फर्स्ट पेपर, बीए थर्ड इयर समाजशास्त्र सेकेंड पेपर और बीकॉम सेकेंड वर्ष का एक-एक पर्चा आउट हुआ था। यूनिवर्सिटी को दो से पांच अप्रैल 2012 तक की परीक्षाएं निरस्त करनी पड़ीं। घटना की हकीकत जानने के लिए यूनिवर्सिटी ने एक आंतरिक जांच कमेटी गठित की थी। इसके साथ ही कमिश्नर लेवल पर मामले की जांच हुई। कमिश्नर ने मामले में जांच सीबीसीआईडी को सौंपी। उसके बाद सीबीसीआईडी ने अप्रैल महीने में ही यूनिवर्सिटी और प्रशासन को जांच रिपोर्ट दी थी। अब इस मामले में संबंधित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कार्यपरिषद का निर्णय लेना बाकी है।
विषय विशेषज्ञ से भी हो सकती है पूछताछ
वहीं सूत्रों की माने तो अंग्रेजी, समाजशास्त्र और बीकॉम विषय से जुड़े विषय विशेषज्ञ से भी एग्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक के बाद पूछताछ की जा सकती है। दोषी पाए जाने पर उनके विरुद्ध भी यूनिवर्सिटी अपने स्तर पर कार्रवाई कर सकती है। वहीं इन विषय विशेषज्ञ को जबसे इस बात की जानकारी हुई है कि उनसे भी पूछताछ हो सकती है तब से उनके हाथ पांव फूलने लगे हैं।