गोरखपुर (ब्यूरो)। रिजल्ट पेंडिंग होने की वजह से स्टूडेंट्स को कई तरह की प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है। रिजल्ट में देरी की सबसे बड़ी वजह इंटरनल के मार्क न अपलोड होना है। ज्यादातर कॉलेज और डिपार्टमेंट्स ने स्टूडेंट्स के इंटरनल असेसमेंट के माक्र्स को वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया है।
फॉर्म भरने में आ रही दिक्कत
यूनिवर्सिटी कैंपस में संचालित ज्यादातर प्रोग्राम्स के फाइनल सेमेस्टर रिजल्ट जारी कर दिए गए हैं। कॉलेजों की ओर से प्रैक्टिकल, वाइवा और प्रोजेक्ट के नंबर नहीं मिलने से बच्चों के रिजल्ट जारी नहीं हो पा रहे हैं। इसकी वजह से स्टूडेंट्स को आगे कोई फॉर्म भरने और एडमिशन लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
ऑड सेमेस्टर के रिजल्ट पेंडिंग
यूनिवर्सिटी में ऑड सेमेस्टर का एग्जाम जनवरी में आयोजित हुआ था। इसके बाद इवेन सेमेस्टर का जून में हुआ। यूनिवर्सिटी ने फोर्थ सेमेस्टर के ज्यादातर रिजल्ट जारी कर दिए, लेकिन फस्र्ट और सेकेंड अभी भी पेंडिंग हैं। जिनके जारी हुए उसमें भी आईएनसी लिखा हुआ था। इनका रिजल्ट पेंडिंग होने का एक बड़ा कारण प्रोजेक्ट के माक्र्स का बंटवारा था। इस समस्या को दूर करने के लिए वीसी प्रो। पूनम टंडन ने दोनों सेमेस्टर में प्रोजेक्ट के नंबर देने का आदेश दिया।
नहीं हो रहा स्कॉलर्शिप रजिस्ट्रेशन
रिजल्ट जारी नहीं होने की वजह से स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप के लिए भी रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि, अभी इसके लिए टाइम है, लेकिन देर से रजिस्ट्रेशन करने पर कई बार स्कॉलरशिप नहीं आती।
रिजल्ट को लेकर वीसी सख्त
रिजल्ट की प्रॉब्लम को लेकर वीसी प्रो। पूनम टंडन काफी सख्त हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने सभी डीन, एचओडी और अधिकारियों की बैठक कर एक हफ्ते में सभी पेंडिंग रिजल्ट जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही जिन कॉलेजों ने इंटरनल के माक्र्स अपलोड नहीं किए, उनको नोटिस जारी करने का आदेश दिया। इसके बाद शनिवार को एग्जामिनेशन कंट्रोलर ने 250 कॉलेजों को नोटिस देकर एनआर, प्रैक्टिकल और वाइवा के माक्र्स को तीन दिनों के अंदर अपलोड करने का निर्देश दिया। अगर उन्होंने माक्र्स नहीं अपलोड किए तो उनका इनकंप्लीट रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा और आगे उन्हें सेंटर भी नहीं बनाया जाएगा।
प्रोजेक्ट, प्रैक्टिकल और वाइवा के माक्र्स नहीं मिलने की वजह से ज्यादातर रिजल्ट पेंडिंग हैं। इसके लिए कॉलेजों को नोटिस जारी किया गया है। इंटरनल के माक्र्स मिलते ही सारे रिजल्ट जारी कर दिए जाएंगे।
डॉ। कुलदीप सिंह, कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, डीडीयूजीयू