-दिवाली के दौरान बाजार में मिलावटी खाद्य पदार्थ खपाने की कोशिश
-छापेमारी के दौरान बरामद हो रहे अनहाइजेनिक फूड प्रोडक्ट्स से बढ़ी चिंता
- मंगलवार को 11 दुकानों से कलेक्ट किए 12 नमूने
बॉक्स
-16.5 क्विंटल अनहाइजेनिक सोनपापड़ी सोमवार को नष्ट की गई।
-1000 किग्रा लावारिस खोवा मंगलवार को पकड़ा गया।
-267 नमूने लिए गए सितंबर में, 133 नमूने हुए फेल।
GORAKHPUR: दिवाली में मिलावटखोरों की हिमाकत का सिलसिला बदस्तूर जारी है। त्योहारों में 'जहर' परोसने में यह कहीं से कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सोमवार को करीब 16.5 क्विंटल अनहाइजेनिक सोनपापड़ी नष्ट करने के साथ ही मंगलवार को 10 क्विंटल खोवा बरामद किया गया। इससे साफ जाहिर है कि किस तरह मार्केट में अनहाइजेनिक फूड आइटम्स परोसने की लगातार कोशिशें जारी हैं। खाद्य विभाग की टीम ने जहां छापेमारी की है, वहां से तो मामले का खुलासा हुआ है, वहीं जहां अब तक विभाग की टीम नहीं पहुंच सकी है, वहां पर किस कदर माल मार्केट में आने को तैयार हैं, यह अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। फिलहाल जिला प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग इस ओर जी-जान से जुटा है कि किसी तरह दिवाली की मिठास बरकरार रखी जा सके।
10 क्विंटल खोवा जब्त
इस क्रम में मंगलवार को करीब 10 क्विंटल खोवा लाकर शहर में खपाने की कोशिश खाद्य विभाग की टीम ने नाकाम कर दी। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल राय की अगुवाई में टीम रेलवे बस स्टेशन के पास पहुंची। टीम के पहुंचते ही मिलावटखोर अपना सामान छोड़ कर भाग खड़े हुए। काफी देर इंतजार के बाद टीम जब कोई उस माल को क्लेम करने के लिए नहीं पहुंचा तो उन्होंने उसे कब्जे में ले लिया है। खोवे के साथ ही करीब डेढ़ क्विंटल बूंदी भी जब्त की गई है। यह अभियान दिवाली के मद्देनजर कमिश्नर अनिल कुमार और डीएम संध्या तिवारी के निर्देश लगातार अभियान जारी है।
11 दुकानों से लिए नमूने
इस दौरान टीम ने बिछिया बाजार, राजेंद्र नगर और खजनी में सघन छापेमारी की। खाद्य विभाग की टीम के पहुंचते ही कई खाने-पीने की दुकानों पर ताले पड़ गए। इस दौरान जो दुकाने खुलीं थी, वहां से टीम ने खाद्य पदार्थो के नमूने लिए। अनिल राय ने बताया कि विभिन्न इलाकों से करीब 12 नमूने लिए गए हैं। इनको प्रथम दृष्टया अधोमानक पाया गया है, जिसे जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। इसके बाद जो भी नमूने फेल होते हैं, उनके खिलाफ न्यायालय में वाद दर्ज कराया जाएगा।
267 नमूनों में 133 फेल
खाद्य विभाग की टीम ने सितंबर माह तक 267 सैंपल्स कलेक्ट किए हैं। इनमें से 133 नमूने मानक के मुताबिक नहीं पाए गए हैं। अधिकारियों की मानें तो वह विभिन्न प्रथम दृष्टया गंदगी, आनहाइजेनिक तरीके से बन रहे फूड प्रॉडक्ट के नमूने कलेक्ट करते हैं। इसके बाद लैब से फाइनल रिजल्ट आने के बाद कार्रवाई की जाती है। अब तक 125 लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अदालत में वाद दाखिल किया जा चुका है। इस तरह अगर देखा जाए तो करीब 42 परसेंट पदार्थ मानक के विपरीत पाए गए हैं।
यहां से लिए गए नमूने
एप्पल बेकर्स, राजेंद्र नगर - क्रीमरोल एंड फेन
हरीशचंद्र इमर्ती भंडार, बिछिया बाजार - पनीर
गणपति, बिछिया बाजार - बर्फी
अरविंद कुमार, बिछिया - पेठा
रामाज्ञा अग्निहोत्री, बशारतपुर - फेन
शर्मा जलपानगृह, खजनी बाजार - बर्फी
रामकरन जलपानगृह, खजनी बाजार - बर्फी
जायसवाल स्वीट्स, खजनी बाजार - पेड़ा
रामदीन जलपानगृह, खजनी बाजार - बेसन लड्डू
शर्मा जलपानगृह, खजनी बाजार - बूंदी
रामनाथ जलपानगृह, सहजनवां बाजार - छेना
आइटम नमूने फेल
दूध 25 34 (पिछली बार का भी शामिल)
मिल्क प्रॉडक्ट्स 79 43
खाद्य तेल 26 -
सीरियल्स 34 12
बेकरी प्रॉडक्ट्स 12 10
नमकीन 12 7
चाय/कॉफी 4 -
खोवे में हो सकते हैं ये पदार्थ
गंजी, सड़े आलू, मिल्क पाउडर, सिंथेटिक मैटेरियल्स
इन बीमारियों का डर
बैक्टीरियल इंफेक्शन, पेट में दर्द, उल्टी, ऐंठन, स्टूल से ब्लड, तेज बुखार, लिवर गुर्दे में केमिकल रिएक्शन होने से उनमें सूजन, छाले पड़ना, रक्त का स्त्राव, चक्कर आना, जी मचलना, पेशाब में जलन
तेल में यह हो सकती है मिलावट
- आर्जीमोन, पाम ऑयल, वेजिटेबल ऑयल, प्योरिफाइड मोबिल ऑयल, घातक केमिकल एसेंस
यह हो सकती है बीमारी
- रतौंधी, स्किन रैशज, आंखों की जलन, लंबे समय तक इस्तेमाल से कैंसर तक हो सकता है
बेकरी फूड में यह हो सकती है मिलावट
- ब्रोमेट, पेस्टिसाइज, सोडियम बाई कार्बोनेट, अजीनोमोटो, बफरिंग मैटेरियल्स, सोडियम बेंजोनेट, घटिया मैदा और दूसरे केमिकल, पेस्ट्री बनाने के लिए नेचुरल मसाले को छोड़ केमिकल मसाले का इस्तेमाल, जैम, अचार को प्रिजर्व करने के लिए हानिकारक रसायन का इस्तेमाल, अचार को पकाने के लिए अन नेचुरल प्रॉसेस और केमिकल से पकाने की कोशिश
हो सकती है यह बीमारी
- पेट में सीवियर जलन, उल्टी, मरोड़, लीवर डैमेज, लांग टर्म में कैंसर के चांसेज हैं
सोन पापड़ी में यह हो सकती है मिलावट
- खाड़सारी, बकला, खेसरी, लतरी के बीच का पाउडर इस्तेमाल जो देखने में बेसन की तरह, घी की जगह आर्टिफिशियल जानवरों की चर्बी से तैयार ऑयल, और देशी घी के एसेंस, चीनी की जगह सैकरिन
यह हो सकती है बीमारी
- लीवर फैटी, लीवर सिरोसिस, आंतों का कैंसर, एक्यूट फूड प्वाइजनिंग
क्या बरतें सावधानी
- इनका सेवन न करें तो बेहतर
- रेप्यूटेड और स्टैंडर्ड कंपनीज के प्रॉडक्ट्स यूज करें
- कंपैरिटिव सस्ता लेने की कोशिश न करें
- कम से कम सेवन करें
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खाद्य विभाग की टीम लगातार छापेमारी कर रही है। सितंबर तक टीम ने 267 नमूने लिए थे, जिसमें से 133 अधोमानक पाए गए हैं। इनमें से 125 के खिलाफ न्यायालय में वाद दाखिल किया गया है। वहीं सोमवार को 16.5 क्विंटल अनहाइजेनिक सोनपापड़ी को सीज किया गया था, मंगलवार को 100 क्विंटल लावारिस खोवा बरामद किया गया है। इस दौरान 11 दुकान से 12 नमूने भी लिए गए हैं।
- अनिल राय, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी
अलग-अलग फूड आइटम्स में अलग-अलग तरह की मिलावट होती है। इससे बुखार से लेकर कैंसर तक हो सकता है। इसलिए जहां तक पॉसिबल हो, लोगों को रेप्यूटेड कंपनीज के प्रॉडक्ट्स लेने चाहिए। साथ ही लोग यह कोशिश करते हैं कि सामान लेने के दौरान कॉम्परेटिव सस्ता लेने की कोशिश न करें, इससे नुकसान हो सकता है।
- डॉ। संदीप श्रीवास्तव, फिजिशियन