गोरखपुर (ब्यूरो)।रजिस्टर में तो सबकुछ ठीक इन बसों में स्टेशन पर पहुंचने के बाद किसी का हार्न तो किसी का बल्ब नहीं रहता। ऐसा तब है जब सभी बसों को डिपो से निकलने से पहले के फोरमैन की ओर से चेक करके रवाना किया जाता है। इसके बावजूद बसों में आग लगने की घटनाएं सामने आना कहीं न कहीं विभाग की लापरवाही को दर्शाता है।

कॉलम में सब ओके

परिवहन निगम के कार्यालय के रजिस्टर में बसों के आने और जाने का ब्यौरा दर्ज किया जाता है। इसमें कई कॉलम बने हुए हैं। डीजल टैंक कैंप, टूल बॉक्स, फस्र्ट एडं बॉक्स, बस की सफाई, वाहनों की सामान्य दशा आदि को चेक करने के बाद ही बसों को रवाना किया जाता है। इतना हीं नहीं रोडवेज कर्मी की जिम्मेदारी होती है कि वह वर्कशॉप से फिट और मेनटन बसों को ही रूटों के लिए रवाना करें, लेकिन सच तो यह हैं कि कई बसों में हॉर्न, बल्ब और वायरिंग दुरुस्त नहीं होने के बाद भी उन्हें वर्कशॉप से छोड़ दिया जाता है। इसी का नतीजा है कि बसों में आग लगने के अलावा अन्य हादसे की संभावना बनी रहती है।

ऐसे होगा बचाव -

डीजल, इंजन ऑयल, स्टेयरिंग ऑयल के रिसाव को रोका जाए तथा समय-समय पर इंजन की धुलाई डिटर्जेंट से की जाए।

-सेल्फ स्टार्टर ठीक दशा में होना चाहिए।

-समय-समय पर वायरिंग चेक कराकर ठीक कराई जाए।

-इंजन बैक प्रेशर नहीं होना चाहिए।

-एग्जॉस्ट-साइलेंसर सिस्टम में कोई लीकेज नहीं होना चाहिए।

मानक के अनुसार फ्यूज का प्रयोग किया जाना चाहिए। तार का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

बस में ज्वलनशील पदार्थ किसी भी दशा में ले जाना नहीं चाहिए।

-बस के अंदर बीड़ी, सिगरेट का प्रयोग प्रतिबंधित है।

-बोनट का फाइबर एवं फोम नियमित रूप सेकेक करके ठीक दशा में रखा जाए

-बैट्री टर्मिनल टाइट होने चाहिए तथा केबिन डैमेज न हों.अतिरिक्त कनेक्शन निर्धारित स्थान से किया जाए, बैट्री कटऑफ स्विच कंडीशन में होना चाहिए।

-टायरों में मानक के अनुसार हवा का प्रेशर रखा जाए, साथ ही नाइट्रोजन गैस का प्रयोग भी किया जाए।

-वाहनों के टायरों की कंडीशन अच्छी होनी चाहिए तथा ड्राइवर को सतर्कता बरती चाहिए।

आग लगने के बाद एक्शन में रोडवेज

बड़हलगंज के पटना चौराहे पर दो दिन पहले जनरथ एसी बस में आग लगने की घटना के बाद रोडवेज प्रशासन एक्शन में आ गया है। शुक्रवार को रीजनल वर्कशॉप के एसएम धनजी राम की अध्यक्षता में गोरखपुर डिपो, राप्तीनगर, महराजगंज, देवरिया, बस्ती, पडऱौना, सिद्धार्थनगर, सोनौली, रीजनल वर्कशॉप और टायर शॉप के इंचार्ज, टेक्निकल टेक्नीशियन, इलेक्ट्रिशियन को एसी बसों की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी गई। साथ ही उन्हें बसों में आग की घटनाओं पर अंकुश कैसे लगाया जाएं इसके बारे में भी विस्तृत जानकारियां दी गई है।

रोडवेज बसों में सुविधाओं की अनदेखी की जा रही है। पैसेंजर्स तो किराया देते हैं, लेकिन रास्ते में कब बस खड़ी हो जाए पता नहीं चलता है। इसलिए विभाग को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

राकेश श्रीवास्तव, पैसेंजर

लंबी दूरी और लोकल रूटों के लिए बस का सफर सुगम होता है, यदि पैसेंजर्स को बस में अच्छी सुविधा मिले तो यात्रा किया जा सकता है लेकिन बसों की खस्ता हाल के चलते प्रॉब्लम होती है।

रंग बिहार पांडेय, पैसेंजर