- आर्ट स्ट्रीम के बीएड और टीईटी कैंडिडेट्स को दो महीने में भर्ती निकलने का मिला था आश्वासन

- सीधी भर्ती न होने से परेशान कैंडिडेट्स ने किया प्रदर्शन

- 2 लाख से अधिक कैंडिडेट्स की नवंबर में खत्म हो रही है टीईटी की वैधता

GORAKHPUR: यूपी बेसिक शिक्षा परिषद के अंडर संचालित हो रहे उच्च प्राथमिक परिषदीय विद्यालयों में भाषा और सामाजिक अध्ययन की भर्ती की जानी है। इसमें सीधी भर्ती की मांग को लेकर टीईटी पास अभ्यर्थियों ने काफी प्रयास किया, लेकिन कोई कामयाबी हाथ न लगी। इससे नाराज टीईटी पास बेरोजगारों ने विरोध प्रदर्शन किया। असुरन चौराहे के पास स्थित कंपाउंड में बड़ी तादाद में इकट्ठा हुए कैंडिडेट्स ने अपने खून से लेटर लिखकर राज्य सरकार से इच्छा मृत्यु मांगी है। उनका कहना है कि इंग्लिश, उर्दू और संस्कृत के साथ सामाजिक अध्ययन के पदों को छात्र-शिक्षक अनुपात में खाली पदों पर सीधी भर्ती की जाए। अगर सरकार ऐसा करने में नाकाम है, तो वह कैंडिडेट्स को अच्छा मृत्यु की इजाजत दे।

पांच लाख से अधिक हैं कैंडिडेट्स

राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुए करीब 5 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। इस दौरान चार बार आर्ट का टीईटी एग्जाम भी कंडक्ट हुआ है। इसमें उच्च प्राथमिक स्तर पर 5 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स ने क्वालिफाई किया है। 2011 में करीब 2 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स ने टीईटी पास किया है। नंबर 2016 में टीईटी मार्कशीट की वैलिडिटी खत्म हो रही है। वहीं आने वाले दिनों में आचार संहिता भी लगने वाली है, ऐसे में सरकार अगर सीधी भर्ती कर देती है, तो यह बेरोजगारों के लिए बड़ा कदम होगा।

नहीं तो करेंगे विरोध

टीईटी पास कला वर्ग के कैंडिडेट्स उनके परिवार को मिलाकर करीब 25 लाख लोग हो रहे हैं। 2017 के इलेक्शन सिर पर हैं, ऐसे में इन कैंडिडेट्स के परिवार को मिलाकर 25 लाख लोगों की सरकार बनाने में अहम भूमिका होगा। अगर सरकार भर्ती नहीं करती है तो टीईटी कैंडिडेट्स 2017 इलेक्शन में सूबे की सपा सरकार का विरोध करेंगे और यूपी विधान सभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। इस मौके पर संजय कुमार, अमित चौधरी, अनवर खान, फहीम खान, असलम अहमद, अभिषेक यादव, तेजपाल सिंह, मीनू दीक्षित, शफीक अहमद, राणा राहुल सिंह आदि मौजूद रहे।