- गर्मी में भर ठेकेदारों ने ठप रखा कार्य
- बारिश के आगाज होते ही शुरू हुआ निर्माण कार्य
GORAKHPUR: शहर में जल जमाव के लिए कोई और नहीं नगर निगम खुद जिम्मेदार है। नगर निगम की लापरवाही से शहर के कई एरिया में जल जमाव होता है। यह हम नहीं बल्कि नगर निगम की कारगुजारी बता रही है। शहर के अधिकांश नाले जाम हैं तो कई ऐसे एरिया हैं जहां अभी भी नाले के निर्माण का कार्य चल रहा है। यह अधूरे निर्माण के नाले नगर निगम को आर्थिक नुकसान पहुंचाएंगे ही पब्लिक को भी परेशान करेंगे।
छोटा काजीपुर नाला
प्रभावित एरिया- 30 हजार घर
शहर का सबसे बड़ा नाला है। इस नाले से शहर का 30 प्रतिशत एरिया का पानी निकला है। यह नाला अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है, लेकिन नगर निगम ने इस नाले का चौड़ा अभी तक नहीं कर पाया है। एक साल पहले इस नाले के चौड़ा करने के लिए छोटेकाजीपुर एरिया में डाट नाले को चौड़ा का। पार्षद अमरनाथ यादव का कहना है कि ठेकेदार ने मनमानी करते हुए 10 मीटर डाट नाला छोड़कर फरार हो गया है। जबकि, 20 मीटर कच्चे नाला का हिस्सा आज तक नगर निगम नहीं बनवा पाया है।
इंजीनिरियंग कॉलेज के सामने इंजीनियर्स का खेल
प्रभावित एरिया- लगभग 500 घर
जनवरी में इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने दिव्यनगर कॉलोनी वाले रास्ते पर नाला निर्माण का कार्य शुरू किया। नगर निगम के अभियंता बिना मौके का मुआयना किए ही नाले का नक्शा बना दिया। स्थिति यह हुई कि लगभग 100 मीटर लंबा नाला बनने के कारण कई लोगों ने कार्य पर रोक लगाया दिया। बाद में नगर निगम की टीम नाले के रास्ते से अतिक्रमण हटाने के लिए भी गई, लेकिन खाली हाथ ही लौटना पड़ गया। इस नाले से कम से कम 500 घर के सामने जल जमाव की हालत बनने वाली है।
डूबेगा महेवा फलमंडी का रास्ता
प्रभावित घर- 1000 घर
रुस्तमपुर सब्जी मंडी एक रास्ता न्यू महेवा कॉलोनी होते हुए फलमंडी तक जाता है। यह सड़क पूरी तरह से टूट चुकी थी, इसको बनाने के लिए एक साल पहले सड़क और नाले निर्माण की स्वीकृत मिली और अप्रैल में इसके निर्माण का कार्य शुरू हुआ, दो माह में नगर निगम का ठेकेदार लगभग 700 मीटर रास्ता और नाला निर्माण नहीं करा पाया है। एक तरफ का नाला बन गया है, लेकिन एक तरफ का लगभग 200 मीटर लंबा नाला अधूरा पड़ा है, दो दिन पहले पब्लिक के दबाव में आनन-फानन में कार्य शुरू किया गया।
क्या वजहें हैं
1- ठेकेदार पूरी तरह से मनमानी कार्य करते हैं
2- बिलो टेंडर के कारण जब पैसा समाप्त होता है तो कार्य ठेकेदार छोड़ देते हैं
3- नगर निगम के अधिकारी बिना जानकारी बना देते हैं नक्शा
4- निर्माण कार्य शुरू होने के बाद जमीन पर कब्जा के कारण पब्लिक लगा देती है रोक
5- कार्य शुरू होने के बाद जगह को करते हैं चिन्हित
इस बार फिर डूबेंगे कई एरिया
शहर में नाला निर्माण के लिए इस साल कई एरिया चिह्नित हुए, लेकिन अधिकांश पर कार्य ही शुरू नहीं हो पाया। जो शुरू हुए वह नगर निगम, पब्लिक और ठेकेदारों की लापरवाही से अधूरे ही रह गए। यह अधूरे नाले जल जमाव के कारण तो बनेंगे ही लोगों को डूबोने का भी कार्य करेंगे।
नगर निगम की लापरवाही के कारण नाले के किनारे होने के बाद हम जल जमाव की जद में हम लोगों को रहना पड़ता है। अधूरे बने नाले हम लोगों के लिए घातक होता है।
विद्या देवी, हाउसवाइफ
नगर निगम कुछ नहीं करता है, पब्लिक की परेशानी दूर करने के लिए केवल योजना बनाकर पैसा बरबाद करती है। यही कारण है कि पैसा बरबाद होने के कारण शहर जल जमाव मुक्त नहीं हो रहा है।
नवल किशोर सिंह, सर्विसमैन