- शहर के तीन बड़े नालों की आधे-अधूरी हुई सफाई

- नालों की सफाई न होने से स्लो गति से निकल रहा है पानी

- कई एरिया में अभी भी बना है जल जमाव की हालत

GORAKHPUR: हर बार की तरह इस बार भी बारिश में शहर डूबेगा। क्योंकि शहर की जल निकासी के लिए बने नाले बारिश शुरू होने के कुछ दिन बाद ही कूड़ादान में तब्दील हैं। कुछ मध्यम आकार वाले नालों की सफाई तो हो गई है, लेकिन शहर के जल निकासी के बड़े नालों की सफाई अभी तक नहीं हो पाई। सफाई न होने के बाद भी पिछले एक सप्ताह में दो बार हुई बारिश के कारण बड़े नालों के आसपास के एरिया में जल जमाव की हालत बन गई है।

बेतियाहाता के पीछे

जल निकासी एरिया- अलहदादपुर, रायगंज, आंशिक तुर्कमानपुर, आंशिक बेतियाहाता और रुस्तमपुर ढाला के आसपास का एरिय

हकीकत

फलमंडी के सामने एक रास्ता बेतियाहाता में जाता है। यहां पर नाले का पानी नहीं दिख रहा था। नाले में ऊपर केवल केवल पालीथिन दिखा रहा था। वहीं इससे कुछ आगे रुस्तमपुर ढाला के तरफ आगे बढ़ने पर दिखा कि नाला कहीं दिख ही नहीं रहा है। 8 फीट चौड़ा यह नाला यहां पर 4 फीट सकरा हो गया है।

दाउदपुर

जल निकासी एरिया- दाउदपुर, आंशिक बेतियाहाता, रुस्तमपुर ढाल

हकीकत

बेतियाहाता के फिराक गोरखपुरी चौराहा से सड़क के किनारे शुरू होता है और रुस्तमपुर ढाले के पास मेन नाले में मिल जाता है। लगभग 2 किमी लंबे इस नाले में का लगभग 500 मीटर हिस्सा मिट्टी से पटा है। उसके बाद जगह-जगह नालों में सिल्ट और कूड़ादान से पटा है।

पैडलेगंज

जल निकासी एरिया- गीता प्रेस, रेती चौक, छोटेकाजीपुर, अलहदादपुर, बेतियाहाता, बिलंदपुर, दाउदपुर, इंदिरा नगर

हकीकत

शहर के सबसे बड़े नालों में इस नाले की गिनती होती है। यह नाला गीता प्रेस से शुरू होता है और पैड़लेगंज के पास रामगढ़ताल में मिल जाता है। नाले की सफाई की स्थिति को अगर कोई देखना चाहे तो पैड़लेगंज पुलिस चौकी से लगभग 300 मीटर तक नाले का पानी दिखता ही नहीं है।

क्या वजहें हैं

1- खुाले नाले होने के कारण नाले को लोग कूड़ादान बना देते हैं

2- नालों की नियमित सफाई नहीं होती है

3- नालों की चौड़ा न होने के कारण जल निकासी के पानी की धारा भी स्लो होती है

4- बडे़ नालों को घरों या चौराहों पर कवर्ड होने के कारण नहीं हो पाती सफाई

5- लोगों को नालों में कूड़ा न डाले के लिए लोगों को जागरूक करना

इस बार भी डूबेगा शहर

शहर की जल निकासी के लिए 239 बड़े और छोटे नाले हैं। यह नाले राप्तीनगर और रामगढ़ताल में शहर का पानी की निकासी करते हैं। बारिश का मौसम शुरू होने वाला है। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो इस नालों में 10 नालों की सफाई अभी तक नहीं हो पाई है। इसके कारण शहर में जल जमाव की हालत बनने वाली है। छोटी नालियों का पानी तो बड़े नाले में आ जाएगा, लेकिन बड़े नाले जाम होने के कारण पूरे शहर की जल निकासी पूरी तरह से बाधित हो जाएगी।

वर्जन

नाले की सफाई साल में एक बार होती है, उसके बाद नालों के तरफ देखने कोई नहीं आता है। स्थिति यह होती है कि बारिश होते ही धीरे-धीरे नाले का पानी जमा होने लगता है और स्थिति यह होती कि ओवरफ्लो नाले का पानी सड़कों पर घंटो जमा रहता है।

राजेश कुमार सिंह, दुकानदार

नालों की सफाई की हकीकत देखना हो तो कोई भी व्यक्ति बारिश के बाद रस्तमपुर ढाला से दाउदपुर काली मंदिर वाले रास्ते को देख सकता है। बारिश का पानी सड़कों पर बहता है और पैदल चलने वालों के लिया यह रास्ता बंद हो जाता है।

मनोज यादव, स्थानीय नागरिक