- यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज को दिए वीक सेलिब्रेट करने के निर्देश
- कराने हैं स्टूडेंट्स और फैकेल्टी मेंबर्स के लिए कॉम्प्टीशन, टेक्निकल सेशंस और डिजिटल इंडिया फेस्ट
GORAKHPUR : इंडियन गवर्नमेंट लगातार डिजिटाइजेशन पर जोर दिए हुए है। इंडिया को डिजिटली इंपॉवर्ड सोसाइटी में चेंज करने के लिए इंडियन गवर्नमेंट ने अब 'डिजिटल इंडिया' प्रोग्राम को शुरू करने का डिसिजन लिया है। पूरे देश में 1 जुलाई को 'डिजिटल इंडिया वीक' की शुरुआत के साथ इसकी फॉर्मल लांचिंग की जाएगी। फॉर्मल लांचिंग के लिए बतौर टारगेट ग्रुप उन्हें सेलेक्ट किया गया है, जो सबसे ज्यादा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का यूज करते हैं। इसके तहत यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज के स्टूडेंट्स को टारगेट किया गया है।
यूजीसी ने जारी किए निर्देश
डिजिटल इंडिया वीक सेलिब्रेशन के लिए यूजीसी ने पहल भी कर दी है। इसके तहत यूजीसी के सेक्रेटरी डॉ। जसपाल एस संधू ने सभी यूनिवर्सिटीज को लेटर भी इशु कर दिया है। इसके तहत उन्होंने सभी यूनिवर्सिटी को डिजिटल इंडिया वीक में पार्ट लेने के लिए निर्देर्शित किया है। इसमें सभी स्टूडेंट्स और यूनिवर्सिटी के फैकेल्टी मेंबर्स जोकि एनकेएन, एनएमईआईसीटी, एआईसीटीई और माईगोव का यूज करते हैं, उन्हें शामिल करने की सलाह दी गई है।
डिफरेंट एक्टिविटी ऑर्गेनाइज करने के निर्देश
डिजिटल इंडिया वीक (डीआईडब्लू) के दौरान सभी स्टूडेंट्स और फैकेल्टी मेंबर्स इनगेज रहें, इसके लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन ने कुछ आइडियाज भी शेयर किए हैं। भेजे गए लेटर में कहा गया है कि डीआईडब्लू के दौरान एक्टिविटीज और कॉम्प्टीशन तो कराए ही जाएं, वहीं यह कॉम्प्टीशन सिर्फ स्टूडेंट्स के लिए न होकर वहां की फैकेल्टी मेंबर्स के लिए भी ऑर्गेनाइज हो, जिससे कि वह भी इस डिजिटल इंडिया प्रोग्राम से डायरेक्टली जुड़ सकें। इसके साथ ही डिजिटल सेशंस और डिजिटल इंडिया फेस्ट भी ऑर्गेनाइज किए जा सकते हैं।
ताकि सबतक इजिली पहुंचे इंफॉर्मेशन
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम का मेन मोटिव गवर्नेस स्टै्रटजी को चेंज करना है। इसके तहत सभी फैसिलिटी और पब्लिक से जुड़ी सर्विसेज डायरेक्ट उनके हाथों में तक पहुंच सके। इसमें सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट के कोऑर्डिनेशन से पब्लिक को बेहतर गवर्नेंस प्रोवाइड कराना है। गवर्नमेंट का यह मानना है कि डिजिटल मोड से पब्लिक तक उनकी सभी स्कीम और बेनिफिट काफी तेजी के साथ पहुंच जाएगा, जिससे पब्लिक को काफी फायदा मिलेगा। इसके साथ ही डिजिटल गवर्नेस के फायदों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।