- एक दूसरे को नदी में डूबने से बचाने की कोशिश में नाकाम नहीं मासूम

- पुलिस को बताए बिना परिजनों ने कर दिया दाह संस्कार

BADHALGANJ: बड़हलगंज कोतवाली थाना क्षेत्र के बगहा गांव में रविवार को सुबह दो चचेरी बहनों की लाश बरामद होने के बाद कोहराम मच गया। शनिवार को दोपहर में घर के पीछे से बहने वाली राप्ती नदी में दोनों बहनें स्नान के लिए गई थीं। परिजन तभी से उनकी तलाश कर रहे थे। पता चला कि नदी में एक-दूसरे को बचाने में दोनों की जान चली गई। परिजनों ने पुलिस को बताए बिना ही लड़कियों का दाह संस्कार कर दिया।

बहन भी और दोस्त भी

बगहा निवासी राणा सिंह की बेटी रीतू (13) और अजय सिंह की बेटी दीक्षा (12) चचेरी बहनें थीं। दोनों देवरिया जिले के एक विद्यालय में पढ़ती थीं। रीतू कक्षा पांच व दीक्षा कक्षा चार की छात्रा थी। दोनों आपस में दोस्त भी थीं और साथ-साथ ही रहती थीं। विद्यालय में छुट्टी होने पर शनिवार को ही वे अपने घर आई थीं।

स्नान के लिए गई

राणा सिंह के घर के पीछे कुछ दूरी पर राप्ती नदी बहती है। शनिवार को दोपहर में दोनों बहनें घर से बोलकर गई कि वे नदी में स्नान करने जा रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इस दौरान एक लड़की डूबने लगी। दूसरी ने उसे बचाने का प्रयास किया। इस दौरान दोनों ही डूब गई होंगी। वहां कुछ लोग भी थे लेकिन लड़कियों के स्नान करने के कारण उधर नहीं गए। जिन लोगों ने देखा उन्हें लगा कि लड़कियां पानी में खेल रही हैं। इस कारण उन्होंने बचाने की कोशिश नहीं की।

गायब हो गई बहनें

दोनों बहनों के गायब होने के बाद परिजन उनकी तलाश में जुट गए। नदी की तरफ भी तलाश की लेकिन कुछ पता नहीं चला। आसपास के घरों में तलाशने के बाद लोग थक गए। घर वालों को लगा कि वे काफी दिन बाद गांव लौटी हैं तो किसी सहेली से मिलने चली गई होंगी। लौटेंगी तो उन्हें डाटेंगे कि बिना बताए क्यों चली गई। लेकिन उन्हें क्या पता था कि वे अब कभी नहीं लौटेंगी।

नदी किनारे लग गया था शव

शनिवार को दोपहर से रात तक जो बहनें काफी खोजबीन के बाद भी नहीं मिलीं, रविवार को सुबह उनका शव खुद ही नदी के किनारे लग गया। सुबह दस बजे के करीब लोगों ने देखा कि नदी के तट पर दो लड़कियों की लाश पड़ी थी। उनकी पहचान रीतू और दीक्षा के रूप में की गई। इसके बाद दोनों के घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। परिवार वालों ने दोनों बहनों का अंतिम संस्कार कर दिया।

परिजन अपने स्तर से लड़कियों को ढूंढ रहे थे। पुलिस को कोई सूचना नहीं दी थी। सुबह मिलने पर खुद ही उनका दाह संस्कार कर दिया।

- एचएन यादव, एसएसआई