- बनारस के राजघाट पुल पर हुए हादसे में गोरखपुर के दो लोगों की गई जान
- जिले से पांच हजार से अधिक श्रद्धालु गए थे सत्संग सुनने
GORAKHPUR: बनारस के राजघाट पुल पर हुए हादसे में गोरखपुर के दो लोगों को भी जिंदगी गंवानी पड़ी। जिले से करीब पांच हजार से अधिक लोग दो दिवसीय आध्यात्मिक सत्संग में शामिल होने बनारस गए थे। गोला एरिया निवासी दशरथ और खजनी की इमरती की मौत की सूचना देर रात उनके परिजनों को मिली। बताया कि भगदड़ के दौरान लोगों के पैरों तले दोनों कुचल गए। दशरथ का अंतिम संस्कार परिजनों ने सरयू नदी में कराया वहीं इमरती का दाह संस्कार उनके पति राजेंद्र ने बनारस में ही करा दिया था।
बस से गए थे सत्संग सुनने
गोरखपुर जिले से जय गुरुदेव के पांच हजार से अधिक अनुयायी दो दिनों के आध्यात्मिक सत्संग में शामिल होने के लिए बनारस गए थे। इनमें खजनी एरिया के मऊधरमंगल निवासी राजेंद्र, उनकी पत्नी इमरती, गोला के बरहजे निवासी दशरथ सिंह सहित कई लोग शामिल थे। खजनी एरिया से चार सौ लोग बस से बनारस निकले थे। पुल पर भगदड़ मचने पर ज्यादातर लोग हादसे में फंस गए। इस दौरान दो लोगों की जान गंवानी पड़ी।
नहीं मिला जान बचाने का मौका
मऊधरमंगल निवासी राजेंद्र ने बताया कि अचानक पुल के हिलने की अफवाह फैल गई। इसके बाद भगदड़ मच गई। लोग जान बचाने के लिए बिना सोचे समझे भागने लगे। कोई आगे भाग रहा तो कोई पीछे दौड़ने लगा। पुल पार करने की जल्दीबाजी में बड़ा हादसा हो गया। राजेंद्र अपनी पत्नी इमरती के साथ चल रहे थे। दोनों के बीच करीब एक कदम से भी कम दूरी थी। वह पत्नी का हाथ पकड़े हुए थे। जब भगदड़ मचा तो लोग एक दूसरे को कुचलते हुए भागने लगे। पत्नी इमरती का हाथ छूट गया। वह उसे नहीं बचा पाए। लोगों के पैरों के नीचे कुचलने से उनकी भी हालत नाजुक हो गई।
40 साल से अनुयायी थे दशरथ
गोला एरिया निवासी दशरथ करीब 40 साल पहले जयगुरुदेव से जुड़ गए थे। जय गुरुदेव ने गोला के भर्रोह में कार्यक्रम किया था। तब उनकी बातें सुनकर वह प्रभावित हुए। भगदड़ की चपेट में आने से उनकी भी जान चली गई। दशरथ के बेटों जयनाथ और अलगू ने उनका दाह संस्कार क्षेत्र के सरयू नदी में कराया।