गोरखपुर (अनुराग पांडेय).अगर ऐसे मैसेज आपके मोबाइल या मेल पर आ रहे हैं तब गलती से भी ब्ल्यू टिक की लालच में किसी भी अननोन नंबर से आए लिंक पर क्लिक ना करें। लिंक पर क्लिक करते ही आपकी सारी डिटेल जालसाज को मिल जाएगी और वो आपको अपनी बातों में उलझाकर आपकी जेब ढीली करा देगा। साइबर एक्सपर्ट की मानें तो जालसाजों ने एक बार फिर नया तरीका जालसाजी का अपनाया है।
एलन मस्क ने ब्ल्यू टिक पर लगाया चार्ज
अभी हाल ही में सोशल मीडिया के सबसे लोकप्रिय माध्यम ट्विटर हैंडल पर ब्ल्यू टिक का पैसा लेने की घोषणा एलन मस्क ने की थी। इसके बाद से ही इंडिया समेत सभी देशों में इस पर चर्चा हो रही है। ब्ल्यू टिक पर छिड़ी जंग के बीच जालसाजों ने भी अब इस चर्चित मामले से अपनी जेब भरने के लिए नया तरीका अपनाया है।
गोरखपुराइट्स के पास आया मैसेज
गोरखपुर में हड़हवा फाटक निवासी रविन्द्र के पास ब्ल्यू टिक के लिए त्रिप्पल एक्स डिसकाउंट ब्ल्यू टिक क्रिसमस सेल डॉट कॉम से मैसेज आया, जिसके बाद रविन्द्र ने लिंक पर क्लिक किया और जैसे ही पैसे की डिमांड आई, वो बैक हो गए। इसी तरह तारामंडल के संतोष के पास भी मैसेज आया। जिसे उन्होंने इग्नोर कर दिया। साथ ही और लोग जालसाजी का शिकार न हों। इसके लिए अवेयर भी किया।
अपनाते हैं नया-नया तरीका
साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि डिजिटल क्राइम इधर तेजी से बढ़ा है। डिजिटल क्राइम को अंजाम देने वाले जालसाज बड़े शातिर होते हैं। ये हमेशा नए-नए आइडियाज अपनाकर पब्लिक को मूर्ख बनाकर जालसाजी करते हैं। इस समय ब्ल्यू टिक का मामला गरम देख वे इसके जरिए फ्रॉड करने उतरे हैं।
जालसाजों ने अपनाए ऐसे आइडियाज
- ट्विटर पर ब्ल्यू टिक दिलाने के नाम पर ठगी।
- अकाउंट में पैसा भेजकर वापस कराने के नाम पर फ्रॉड।
- वाट्सएप कॉल करके ब्लैकमेलिंग।
- बिजली बिल बकाया के नाम पर भेज रहे मोबाइल पर मैसेज।
- शॉर्ट टाइम लोन के लिए एप डाउन लोड कराकर ठगी।
- गल्र्स को एयर होस्टेज बनाने के लिए गल्र्स का फिटनेस चेक कर उनकी फोटो बनाकर ब्लैकमेलिंग।
- लोन दिलाने के नाम पर एप डाउनलोड कराकर ठगी।
- रिमोर्ट कंट्रोल एप डाउनलोड कराकर ठगी।
- फर्जी शादी डॉट कॉम वेबसाइट बनाकर ठगी।
जालसाज हमेशा हाइलाइटेड मामले को उठाकर उसको जालसाजी के लिए यूज करते हैं। इस समय ट्विटर पर ब्ल्यू टिक को लेकर हर देश में चर्चा चल रही है। ऐसे में पब्लिक को ध्यान देना होगा कि कहीं वो ब्ल्यू टिक के चक्कर में फ्रॉड का शिकार ना हो जाए।
उपेन्द्र सिंह, एक्सपर्ट, साइबर क्राइम थाना