- डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए दर-दर भटक रहे दंपति
- प्रभारी ने जताई असमर्थता तो सीएमओ ने नहीं सुनी फरियाद
GAGHA: अपने दो बेटों को खोकर जितेन्द्र शर्मा व पत्नी नीलम न्याय के लिए अधिकारियों के दरवाजे खटखटा रहे हैं। उनका आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण उनके दो जुड़वा बेटों की मौत हो गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी से कंप्लेन की तो उन्होंने नर्सिग होम पर कार्रवाई में असमर्थता जताकर सीएमओ के पास भेज दिया। सीएमओ ने भी फरियाद नहीं सुनी। अब वे कहां जाएं? जितेन्द्र और नीलम की हालत पागल सी हो गई है। वे इलाज की पर्ची लेकर हर एक से न्याय मांगते फिर रहे हैं।
28 जनवरी को जन्म
गगहा क्षेत्र के टिकरी निवासी जितेन्द्र शर्मा की पत्नी नीलम को 28 जनवरी 2016 को सुबह नॉर्मल डिलीवरी से दो बेटे हुए। बकौल जितेन्द्र, उन्होंने दोनों शिशुओं को हाटा बाजार स्थित एक डॉक्टर के वहां ले गए। डॉक्टर ने 28 जनवरी की रात साढे आठ बजे शिशुओं की हालत गंभीर बताते हुए उन्हें आईसीयू में एडमिट कर लिया। दो दिनों तक आईसीयू में रखकर हालत में कोई सुधार नहीं होने पर भी सबकुछ नॉर्मल कहते हुए छुट्टी दे दी। परिजनों ने 15 हजार रुपए डॉक्टर ने ले लिए।
नवजात की हालत बिगड़ी
घर आने पर दोनों नवजात की हालत बिगड़ गई तो दुबारा डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने गाली देकर भगा दिया। इसके बाद परिजन दोनों बच्चों को लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले गए। गंभीर स्थिति में नवजात को भर्ती किया गया। एक फरवरी को एक नवजात की मौत हो गई। पांच घंटे बाद दूसरे ने भी दम तोड़ दिया। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर का कहना था कि पहले गलत इलाज के कारण नवजात की हालत बिगड़ी और उसी कारण उनकी मौत हो गई।
कहीं सुनवाई नहीं
जितेन्द्र और नीलम एक साथ दोनों बेटों की मौत से टूट गए हैं। वे लापरवाह डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए अधिकारियों के चौखट चूम रहे हैं लेकिन कहीं उनकी फरियाद नहीं सुनी जा रही। जितेन्द्र का कहना है कि वे कई बार सीएमओ के पास गए लेकिन उन्होंने भी नहीं सुना। सीएचसी गगहा पर शिकायती पत्र दिया लेकिन वहां प्रभारी ने असमर्थता जताते हुए फिर सीएमओ के पास ही जाने को कहा। अब उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि किसके पास जाएं।
शिकायती पत्र मिलने के बाद उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई है। आदेश मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। यहां पर कोई रजिस्टर्ड नर्सिग होम नहीं है। सभी अवैध हैं। अभियान चलाकर इन पर कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ। आशुतोष राय, प्रभारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, गगहा