- 135 गांवों की सुरक्षा में तैनात हैं 1 एसओ और 19 सिपाही
- 1982 में किराए के भवन में खुला था थाना, तब भी कभी नहीं भरे पूरे रिक्त पद
URUVA BAZAR: 1982 में ही उरुवा थाना की स्थापना हुई लेकिन उसके बाद से आज तक कभी यहां रिक्त सभी पद भरे नहीं जा सके। तब के हिसाब से ही यहां 141 सिपाहियों के पद दर्शाए गए लेकिन लगातार आबादी बढ़ने के बाद भी आज मात्र 19 सिपाही तैनात हैं। संख्या बल की भारी कमी के बीच क्राइम कंट्रोल करना यहां तैनात पुलिस वालों के लिए हमेशा से चुनौती रही है। अभी हाल ही में क्षेत्र में लूट, चोरी आदि घटनाएं हुई। पुलिस पुराने केस सॉल्व नहीं कर पाती कि नई घटनाएं हो जाती हैं। सवाल पर पुलिस का ही सवाल होता है कि सिर्फ 19 सिपाही 2 लाख लोगों की सुरक्षा कैसे करें?
29 वर्ष में कोई सुधार नहीं
पुलिस सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए चाहे जितने भी दावें किए जाएं लेकिन हालात यह है कि उरुवा थाना की स्थापना के 29 वर्ष बाद भी हालात कुछ भी नहीं बदले। इतने वर्षो में वह वर्ष कभी नहीं आया जब थाने में पूरे स्टाफ हों। 135 गांवों के 2 लाख नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ 19 सिपाहियों के भरोसे छोड़ दी गई है। इनमें भी अधिकतर सिपाही अलग-अलग तरह की ड्यूटी में लगे हुए हैं।
सबकी ड्यूटी तय
19 सिपाहियों में से 3 पैरोकार, 1 मंदिर सुरक्षा, 1 एसपीआरए स्कॉर्ट में, 1 दफ्तर और 1 सीआर में लगे हुए हैं। बचे सभी 12 सिपाही 6 बैंको की सुरक्षा में तैनात कर दिए गए हैं। स्थिति यह है कि यदि कहीं कोई वारदात हो जाती है तो एसओ के साथ मौके पर पहुंचने के लिए सिपाही तक नहीं हैं। तब इन्हीं में से किसी को साथ लेकर जाना होता है। जिससे उनकी पहले से तय ड्यूटी प्रभावित होती है।
फोर्स के लिए डिमांड की गई है। गोरखपुर मीटिंग में फोर्स की कमी का मुद्दा उठाऊंगा।
- राजेश कुमार, सीओ
स्वीकृत पद तैनाती
एसओ- 1 - 1
एसआई-8 - 0
एचसी- 18 - 0
सिपाही- 141 - 19