गोरखपुर (ब्यूरो)। चार साल तक इस बात को मैंने दबाए रखा, अब इसे कहने का साहस जुटा पाई हूं। आज मेरे अंदर से एक बहुत बड़ा बोझ कम हुआ, आगे कभी ऐसा कुछ होगा तो उसका तत्काल विरोध करूंगी। यह बातें स्कूल में मिशन शक्ति के तहत ऑर्गनाइज प्रोग्राम में एक 11वीं की छात्रा ने कही। यह तो केवल एक छात्रा की बात थी, इस अवेयरनेस कैंपेन से कई छात्राओं को आत्मबल मिला है, उन्होंने खुल कर अपनी प्रॉब्लम्स को शेयर किया है।

स्कूलों में चली पुलिस की क्लास

इधर लगातार स्कूल और कॉलेजों में मिशन शक्ति के तहत अवेयरनेस प्रोग्राम्स हुए हैं। जिसमे पुलिस अधिकारी के साथ ही महिला कर्मियों ने वहां पहुंचकर छात्राओं को अवेयर किया है। इस दौरान स्कूल में ब्वॉयज को भी अवेयर किया गया। पुलिस अधिकारियों ने पहले गल्र्स को उनके अधिकार के बारे में बताया, आपातकाल में मदद के लिए हेल्पलाइन नंबरों को भी शेयर किया। इसके बाद छात्राओं से सवाल जवाब के माध्यम से उनकी प्रॉब्लम की जानकारी ली गई। जिसे डायरी में नोट भी किया गयाण्

मैंने डटकर किया सामना

एक स्कूल में अवेयरनेस प्रोग्राम में एक छात्रा ने बताया कि उसका विद्यालय आते-जाते शोहदा पीछा करता है। रास्ते में भद्दे-भद्दे कमेंट भी करता है। कई दिनों तक मैंने इसे इग्नोर किया, लेकिन जब वह नहीं माना तो मैंने सड़क पर उसे अच्छे से सबक सिखाया। अब वह मेरे आगे पीछे नहीं आता है। यह बात मैंने अपने पैरेंट्स से भी शेयर की, उन्होंने भी मुझे सपोर्ट किया।

50 से अधिक स्कूलों में चली अवेयरनेस क्लास

7 दिनों से चल रहा है मिशन शक्ति का प्रोग्राम

छात्राओं ने बताई प्रॉब्लम

। ट्यूशन टीचर ने बैड टच किया था

। रिलेटिव ने की थी बदमाशी

। घरवालों को प्रॉब्लम बताई, उन्होंने बाहर जाना ही छुड़वा दिया

। मोबाइल पर शोहदें परेशान करते हैं

। शोहदा परेशान करता था, मैंने सबक सिखाया

मैं कई स्कूलों में गई। वहां एक बड़ी प्रॉब्लम देखने को मिली कि पैरेंट्स और बच्चों में काफी गैप है। इस कारण छात्राएं कुछ भी बताने डरती हैं। कई जगहों पर पैरेंट्स उलटे छात्राओं को ही घर में कैद कर देते हैं। ऐसी प्रॉब्लम्स मुझसे या पुलिस किसी भी पुलिसकर्मी से शेयर करें, छात्रा या परिवार का नाम गोपनीय रखकर कार्रवाई की जाएगी। पैरेंट्स को बच्चों का दोस्त बनना होगा, तभी उन्हें सारी बातें पता चल पाएगी।

इंदु प्रभा सिंह, एसपी क्राइम