-कार्यकारिणी के पास करने के बाद भी नहीं लग रहे ट्यूबवेल
-सिटी में लगने थे 15 नए ट्यूबवेल
-पैसा तो बचा लिए, लेकिन काम नहीं हुआ शुरू
GORAKHPUR: शहर की जनता की प्यास बुझाने के लिए नगर निगम कार्यकारिणी ने 15 जगहों पर ट्यूबवेल लगाने का निर्णय तो ले लिया, लेकिन उनके लिए जगह की व्यवस्था ही नहीं कर पाए। अब स्थिति यह है कि किसी तरह सात ट्यूबवेल तो जलकल ने लगा दिए, लेकिन आठ ट्यूबवेल जगह न मिलने के चलते अधर में अटक गए हैं। इस वजह से कई एरिया में लोग पानी के लिए तरस रहे है। पब्लिक परेशान होकर पार्षदों के पास गुहार लगा रही है, लेकिन अभी भी पानी मुश्किल से मिल रहा है।
यहां हो रही मुश्किल
जिन जगहों पर ट्यूबवेल नहीं लग पा रहा है, उनमें अंधियारीबाग और शाहपुर एरिया में दो-दो, दाउदपुर, बसंतपुर, बक्शीपुर और मोहद्दीपुर एरिया के ट्यूबवेल जमीन न मिलने के कारण अधर में लटके हुए हैं। पार्षद रामजनम यादव का कहना है कि कई बार जलकल के अफसरों से कंप्लेन की गई। लेकिन वह हर बार केवल यही आश्वासन देते हैं कि राजस्व विभाग को पत्र लिखा गया है। वहां से जमीन की जगह मिलते ही ट्यूबवेल लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
मरम्मत और रिबोर भी नहीं
शहर के अंदर और बाहर सार्वजनिक जगह पर 3975 हैंडपंप नगर निगम ने लगाए हैं। इनमें से करीब 2 हजार हैंडपंप खराब पड़े थे। इसको देखते हुए नगर निगम कार्यकारिणी ने निर्णय लिया था कि हर वार्ड में तीन-तीन हैंडपंप की मरम्मत और रिबोर का काम होगा। नगर निगम कार्यकारिणी के निर्णय लिए हुए तीन माह हो गए, लेकिन अभी तक एक भी वार्ड में मरम्मत या रिबोर का काम शुरू नहीं हो पाया है। सबसे अधिक प्रॉब्लम शहर के 32 प्रतिशत एरिया में हो रही है, जहां की 70 प्रतिशत आबादी अपनी प्यास बुझानेके लिए इन्हीं इंडियामार्का हैंडपंप के भरोसे है। जलकल के आंकड़ों की मानें तो इन एरिया के लगभग 1500 हैंडपंप आज भी खराब पड़े हुए हैं।
राजस्व विभाग को पत्र लिखा गया है कि इन एरिया में नगर निगम की जहां भी जमीन खाली हो, उनकी सूची दें। सूची मिलते की ट्यूबवेल लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
- राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त