- प्रॉब्लम्स को लेकर टीटीई ने खोला मोर्चा

- रेल मंत्री से मुलाकात कर सौंपेंगे ज्ञापन

GORAKHPUR : टीटीई पर बढ़ता ओवरलोड रेलवे को नुकसान पहुंचा रहा है। कोच की तादाद ज्यादा होने की वजह से टीटीई को एक कोच से दूसरे कोच तक चेकिंग में काफी टाइम लग जाता है, जिससे कि कई पैसेंजर्स बिना टिकट लिए ही अपना सफर पूरा कर लेते हैं। ऐसे में रेलवे के रेवेन्यू पर काफी इफेक्ट पड़ रहा है। यह बातें ऑल इंडिया रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ ऑर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय महासचिव महेंद्र नाथ श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शेयर कीं। उन्होंने बताया कि पहले एक टीटीई के जिम्मे महज एक कोच ही हुआ करता था, जिसकी वजह से टिकट की चेकिंग सीरियसली की जाती थी और किसी फेक पैसेंजर्स की संभावना नहीं होती थी, मगर अब एक टीटीई के जिम्मे पांच कोच हैं, जिससे टीटीई की प्रॉब्लम तो बढ़ ही गई है, साथ ही रेलवे को भी इससे रेग्युलर लॉस हो रहा है।

काफी साल से नहीं हुई है भर्ती

महेंद्र नाथ ने बताया कि ख्00ब् के बाद बड़ी संख्या में टीटीई की भर्ती नहीं की गई, जबकि लगातार लोग रिटायर होते जा रहे हैं। इससे प्रॉब्लम कई गुना बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि हालत यह है कि आज कई ऐसी गाडि़यां है, जो सिर्फ एक टीटीई के सहारे चलाई जा रही हैं, जिससे बगैर टिकट सफर करने वाले पैसेंजर्स को तो फायदा हुआ है लेकिन इससे रेलवे को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसा भी नहीं है कि ट्रेन की तादाद फिक्स्ड है, बल्कि वह लगातार बढ़ती ही जा रही है, इसे देखते हुए रेलवे को जल्द से जल्द टीटीई की भर्ती कर लेनी चाहिए।

टीटीई को भी मिले रनिंग एलाउंस

राष्ट्रीय महासचिव ने बताया कि टीटीई को भी रनिंग स्टाफ की तरह फैसिलिटी मुहैया कराई जाए, क्योंकि ड्राइवर्स और गार्ड की तरह टीटीई भी रनिंग स्टाफ है। इसके साथ ही उन्होंने चेकिंग के दौरान होने वाली प्रॉब्लम से निपटने के लिए सिक्योरिटी की डिमांड की। साथ ही टीटीई के लिए मिनिमम क्वालिफिकेशन को मैट्रिक से बढ़ाकर ग्रेजुएशन करने की बात भी रखी है। आईआरटीसीएसओ का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही रेल मंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात कर इन डिमांड्स को उनके सामने रखेगा। इस दौरान अशोक पांडेय, टीएन पांडेय आदि मौजूद रहे।