- पाठकों की पसंद को देखते हुए बाजार ने बदला ट्रेंड

- एक ही पुस्तक में मिल रही लेखक की कई रचनाएं

<- पाठकों की पसंद को देखते हुए बाजार ने बदला ट्रेंड

- एक ही पुस्तक में मिल रही लेखक की कई रचनाएं

GORAKHPUR :GORAKHPUR : टाउनहाल में लगा बुक फेयर मार्केट में आए बदलाव की कहानी कहता है। पाठकों की पसंद पर बाजार को भी बदलना ही पड़ा। प्रकाशकों ने लेखकों की कई रचनाओं को एक ही किताब में संकलित कर पाठकों को सहूलियत दी है। कई लेखकों की कुछ रचनाएं बहुत प्रसिद्घ होती हैं तो कई भीड़ में खो जाती हैं। अलग-अलग किताबें खरीदना पाठक के लिए भी मुश्किल होता है और पब्लिशर्स के लिए भी। इसीलिए एक ही पुस्तक में कई रचनाओं का संग्रह पाठकों को पसंद आ रहा है।

एक बुक में लीजिए संग्रह

पुस्तक मेले में गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर की पांच बड़ी कहानियों का संग्रह मात्र म्भ् रुपए में मिल रहा है। जिसमें बाबुलीवाला, पत्‍‌नी का पत्र, गुप्त धन, पोस्टमास्टर, मास्टर साहब शामिल हैं। यहां यशपाल भीष्म साहनी, रविंद्र कालिया, उर्दू के कहानीकार इस्मत चुगराई की पांच कहानियों का हिंदी अनुवाद, हैदराबाद के उर्दू लेखक कुर्तलऐन हैदर की कहानियों का संग्रह सहित कई बड़े साहित्यकारों का संग्रह मौजूद है। पुस्तक मेले में महादेवी वर्मा, विश्वनाथ तिवारी, केदार नाथ सिंह, अशोक वाजपेई, उदय प्रकाश, विनोद शुक्ल की भ्0 रचनाओं की पुस्तकें उपलब्ध हैं।

खूब बिक रहे मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आपातकाल के समय क्97भ् से 77 के बीच लिखी गई पुस्तक 'प्रेमतीर्थ' तेजी से बिक रही हैं। इसके लिए युवाओं और साहित्यकारों की भीड़ लग रही है। विक्रय प्रतिनिधि अशोक शुक्ल ने बताया कि दो दिनों में 'प्रेमतीर्थ' की एक दर्जन से अधिक प्रतियां बिकी है। वहीं डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम की 'आपका भविष्य आपके हाथ में' की भी अच्छी खासी डिमांड है।

बाजार का ट्रेंड चेंज होने से पाठक तक उसकी पसंद की पुस्तकें आसानी से पहुंच रही हैं। कई बड़े लेखकों की रचनाएं एक ही पुस्तक में मिलने से सुविधा हो रही है।

प्रमोद कुमार, सचिव, जनवादी लेखक संघ

जिले में पढ़ने वाले बहुत हैं लेकिन सिटी में सहित्यिक किताबें एक जगह नहीं मिलती। ऐसा मेला वर्ष में कई बार लगना चाहिए। मेले की खबर जब तक ग्रामीण पाठकों तक पहुंचती है, तब तक आयोजक इसे समेटने लगते हैं। पुस्तक मेले की समय सीमा भी बढ़ानी चाहिए।

महेश अश्क, गीतकार