- परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने किया राप्तीनगर रोडवेज वर्कशॉप का निरीक्षण
- हकीकत देखे बिना अधिकारियों की बात से ही संतुष्ट हो गए मंत्री
GORAKHPUR: गोरखपुर पहुंचे परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने रविवार को राप्तीनगर स्थित रोडवेज वर्कशॉप का निरीक्षण किया। परिवहन मंत्री के आगमन पर रोडवेज की ओर से तैयारियां तो जमकर की गई थीं, लेकिन उनके आने से कुछ देर पहले हुई बारिश ने रोडवेज अधिकारियों की तैयारियों पर पानी फेर दिया। हालांकि अधिकारियों की उपेक्षा के चलते पूरे वर्ष जलमग्न रहने वाले रोडवेज वर्कशॉप में परिवहन मंत्री को कोई खास खामियां नहीं दिखीं। शाम करीब पांच बजे राप्तीनगर वर्कशाप पहुंचे स्वतंत्र देव सिंह ने सबसे पहले डीजल पंप पहुंचकर बसों में होने वाली डीजल फिलिंग के बारे में जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने उत्तर दिशा में स्थित बिल्डिंग का निरीक्षण किया। वहां कर्मचारियों की संख्या काफी कम देख अधिकारियों से पूछा तो बताया गया कि रविवार की वजह से अधिकांश कर्मचारी नहीं आए हैं।
तीन पेड़ देख ही हो गए संतुष्ट
निरीक्षण के दौरान परिवहन मंत्री ने रोडवेज अधिकारियों से साफ-सफाई व पौधरोपण के बारे में भी जानकारी ली। इस पर अधिकारियों ने बताया कि अभी हाल ही में परिसर में 25 पौधे लगाए गए हैं। लेकिन जब मंत्री ने मौके पर जाकर देखा तो वहां महज तीन पौधे ही मौजूद दिखे। बावजूद इसके उन्होंने इस पर खुशी जाहिर करते हुए तीनों पौधों पर तत्काल ट्री गार्ड लगाने का निर्देश दिया।
जवाबों से ही चल गया काम
हालांकि जलमग्न हालत में रोडवेज परिसर को देख परिवहन मंत्री को यही लगा कि यहां निगम की उदासीनता की वजह से नहीं बल्कि बरसात की वजह से पानी लगा है। इसपर उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पूरे परिसर को तत्काल सीसी कराया जाए। इसके लिए उन्होंने आरएम व राप्तीनगर डिपो के एआरएम को जल्द से जल्द प्रोजेक्ट बनाकर भेजने को कहा। इसके अलावा स्वतंत्र देव सिंह ने वर्कशॉप में मौजूद छह कर्मचारियों से वहां की व्यवस्था के बारे में भी जानकारी ली। कर्मचारियों के जवाब सुनकर मंत्री पूरी तरह संतुष्ट दिखे। वहीं, पूरे निरीक्षण के दौरान मंत्री ने सिर्फ साफ-सफाई व बसों के रख-रखाव व मेंटेनेंस पर विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से जानकारी ली कि बसों में वाइपर, स्पीडोमीटर आदि सब ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं, लेकिन इसकी हकीकत जानना तो दूर अधिकारियों का जवाब सुनकर ही परिवहन मंत्री पूरी तरह संतुष्ट हो गए।