- मानक विहीन लगे ट्रांसफॉर्मर्स बढ़ा रहे खतरा
- कहीं खुले में तो बिना जाली के लगाए गए हैं ट्रांसफॉर्मर्स
GORAKHPUR : मानकों की अनदेखी कर लगाए गए करीब 360 ट्रांसफॉर्मर जानलेवा हो सकते हैं। बिजली विभाग की लापरवाही या कहें कंजूसी पब्लिक की मुसीबत बढ़ा रही है। शहर में लगे ट्रांसफॉर्मर्स के चारों तरफ जाली नहीं है। कहीं-कहीं तो खुले में ही ट्रांसफॉर्मर्स कई मेगावाट बिजली पहुंचा रहे हैं। इनकी चपेट में आकर जानवर तो अक्सर घायल होते हैं, लेकिन इंसानों के लिए भी खतरा कम नहीं है।
आधा हिस्सा ही हो गया गायब
स्पॉट- मुफ्तीपुर
क्षमता- 250 केवीए
क्या है हाल- इस ट्रांसफॉर्मर की जाली का आधा हिस्सा गायब हो गया है। बाकी आधे में घास उग आई है जिसे खाने की चाह में आने वाले जानवर जोरदार झटके का शिकार हो जाते हैं। आसपास रहने वालों ने बताया कि पिछले साल इसी ट्रांसफॉर्मर पर करंट लगने से एक सांड की मौत हो गई थी।
रिसता तेल कर रहा खेल
स्पॉट- मियां बाजार
क्षमता- 250 केवीए
क्या है हाल- तीन फीट ऊंचे चबूतरे पर रखा ट्रांसफॉर्मर रात होते ही लोगों को डराने लगता है। पास में रहने वाले राजेश सिंह ने बताया कि पूरे साल ट्रांसफॉर्मर से तेल रिसता है जिससे हादसा होने का डर लगा रहता है।
अंधे मोड़ पर बड़ा खतरा
स्पॉट- बेनीगंज
क्षमता- 400 केवीए
यह ट्रांसफॉर्मर एक तरह से यहां अंधे मोड़ पर है, लेकिन बिजली विभाग की लापरवाही से यह और भी खतरनाक हो गया है। ट्रांसफॉर्मर के चारों ओर लगी जाली दो तरफ से टूट चुकी है। एक तरह का पूरा हिस्सा खोलकर टेलीफोन कनेक्शन बॉक्स लगा दिया गया है।
रात में होते हैं हादसा
रानीबाग, राप्तीनगर, करीम नगर, हड़हवा फाटक, बेनीगंज तिराहा, एचएन सिंह चौराहे से 100 मीटर पहले समेत कई जगह रोड किनारे खुले में ट्रांसफॉर्मर रखे हुए हैं। रात में बिजली कटने पर अंधेरे में अक्सर हादसे होते हैं। 2 सितंबर को रसूलपुर में एक बकरी घास खाते हुए ट्रांसफॉर्मर के केबल तक पहुंच गई। करंट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। नेताजी सुभाषचंद बोस नगर कॉलोनी के दो पार्क में कोई भी बच्चा खेलने नहीं जाता है। इसकी वजह ये है इन पार्को में दो से तीन फीट की ऊंचाई पर ही खुले में ट्रांसफॉर्मर रखे हुए हैं।
यह है नियम
महानगर विद्युत वितरण निगम के एसई आरआर सिंह के मुताबिक रोड या आबादी के बीच लगे ट्रांसफॉर्मर्स खुले में नहीं लगाए जाने चाहिए। ट्रांसफॉर्मर के चारों ओर फेंसिंग होनी चाहिए। नार्मली लोहे की जाली से ट्रांसफॉर्मर को ढका जाता है। जमीन से चार-पांच फीट की ऊंचाई पर ट्रांसफॉर्मर को रखा जाना चाहिए। कम ऊंचाई और खुले में रखा ट्रांसफॉर्मर कभी भी हादसे का कारण बन सकता है।
शहर में कई जगह कार्य हो रहे हैं। कहीं तार बदले जा रहे हैं तो कहीं ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाई जा रही है। इस योजना में जाली लगाने की भी योजना है। जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।
आरआर सिंह, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम