- बिजली विभाग के ट्रांसफॉर्मर वर्कशाप में तेल और तार की कमी

- एक दिन पहले 72 घंटे में ट्रांसफॉर्मर न बदलने पर हुई थी बड़ी कार्रवाई

- कर्मचारियों के सामने खड़ा हुआ संकट, ट्रांसफॉर्मर मिल नहीं रहे

GORAKHPUR: बिजली विभाग के जले ट्रांसफॉर्मर अब अफसरों की गले की फांस बनने लगे हैं। ग्रामीण अंचल में जले हुए ट्रांसफॉर्मर 72 घंटे के अंदर न बदलने की गाज जिले के एक एसडीओ पर गिर गई। पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के एमडी अजय कुमार सिंह ने एसडीओ पतिराम को निलंबित कर दिया व एसई अजय कुमार श्रीवास्तव और एक्सईएन धीरज सिन्हा को प्रतिकूल प्रविष्टी थमा दी। अफसरों के उपर गिरी गाज के लिए केवल यही अफसर नहीं दोषी हैं, बल्कि पूरा महकमा इस कार्य में दोषी है।

5 ट्रांसफॉर्मर का आया अंतर

बिजली विभाग के स्टोर विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में डेली 30 से 35 ट्रांसफॉर्मर जलते हैं। वहीं वर्कशॉप के आंकड़ों के मुताबिक डेली 25 से 30 ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत की जा रही है। ऐसे में बिगड़ने और प्रॉडक्शन में डेली 5 ट्रांसफॉर्मर का फर्क हो जा रहा है। वर्कशाप के एक्सईएन मनोज कुमार गौड़ की मानें तो पिछले एक माह से यह अंतर आया है। यह अंतर संसाधनों की कमी के कारण हुआ है। तेल और तार तो पर्याप्त हैं, लेकिन जितनी आवश्यकता है, उतना वर्कशाप में उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण काम कुछ स्लो हुआ है। वहीं बिजली विभाग के जेई का कहना है कि ट्रांसफॉर्मर जलने के बाद हम इसे स्टोर में लेकर जाते हैं। जब स्टोर वाले वर्कशॉप से ट्रांसफॉर्मर की मांग करते हैं, तो वह कहते हैं कि अभी टेस्टिंग चल रही है। तीन घंटे बाद मिलेगी। ऐसे में पब्लिक का प्रेशर बढ़ने लगाता है और हम बिना टेस्ट के ही मजबूरी में ट्रांसफार्मर लेकर चले आते हैं।

संसाधन जितनी होनी चाहिए उस हिसाब से वर्कशाप में नहीं है। जिसके कारण कुछ प्रॉब्लम हो रही है। लगातार कोशिश की जा रही है कि जिले में ट्रांसफॉर्मर की कमी न हो।

मनोज कुमार गौड़, एक्सईएन, वर्कशॉप