- बिजली सप्लाई बाधित होने से गर्मी में बढ़ी लोगों की परेशानी

-प्रोटेक्शन सिस्टम न लगने से लगातार जल रहे मेन ट्रांसफार्मर

GORAKHPUR: जिले में ट्रांसफार्मर जलने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। पिछले छह महीने में ही यहां 70 ट्रांसफार्मर जल चुके हैं। ट्रांसफार्मर जलने से बिजली सप्लाई बाधित हो रही है और लोग गर्मी में सुलग रहे हैं। वहीं बिजली विभाग को भी लगभग 50 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। इन बढ़ती घटनाओं के पीछे असल कारण विभागीय लापरवाही ही है। शहर के ज्यादातर मेन ट्रांसफॉर्मर्स पर प्रोटेक्शन सिस्टम नहीं लगाया गया है। इस कारण ओवरलोड या फॉल्ट होने पर ट्रांसफॉर्मर तुरंत जल जाते हैं।

यह है प्रोटेक्शन सिस्टम

ये सिस्टम ट्रांसफॉर्मर के लिए एक प्रकार का सुरक्षा कवच होता है। यह बड़े ट्रांसफॉर्मर्स को ओवरलोड या तार टूटने के कारण हुए फॉल्ट से बचाता है। इसे 250 केवीए से अधिक क्षमता वाले ट्रांसफॉर्मर पर लगाया जाता है। क्योंकि इन पर अधिक लोड के साथ ही इनकी मरम्मत पर खर्च भी अधिक आता है। बड़े ट्रांसफॉर्मर्स पर 10 केवीए से लेकर 100 केवीए तक का प्रोटेक्शन सिस्टम लगाया जाता है।

समय की भी बचत

किसी भी जले ट्रांसफॉर्मर को बदलने में बिजली विभाग को छह से आठ घंटे लगते हैं। अगर प्रोटेक्शन सिस्टम लगा हो तो खराबी आने पर सबसे पहले ये सिस्टम फेल होता है। एक घंटे में इसे आसानी से बदला जा सकता है। इससे समय की बचत के साथ अतिरिक्त कटौती से भी निजात मिलती है।

वर्जन

गर्मी बढ़ते ही ट्रांसफॉर्मर्स जलने का सिलसिला शुरू हो गया है। अगर इन पर प्रोटेक्शन सिस्टम लगा दिए जाएं तो इस पर काबू पाया जा सकता है। ये उपकरण महंगा जरूर है लेकिन इससे ट्रांसफॉर्मर की उम्र बढ़ जाती है।

डीके सिंह,

चीफ इंजीनियर, पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम