- दुनिया के लंबे प्लेटफॉर्म से लोगों को सफर के लिए अभी और करना होगा इंतजार
- ट्रैक इंस्टालेशन हुआ कंप्लीट, मगर प्लेटफॉर्म रेनोवोशन के वर्क पेंडिंग
- 45 दिनों में स्टार्ट करने का रेलवे ने किया था दावा
GORAKHPUR : गोरखपुर रेलवे स्टेशन को भले ही दुनिया के सबसे लंबे प्लेटफॉर्म का दर्जा मिल चुका हो, लेकिन पैसेंजर्स को अब भी इससे सफर का इंतजार है। प्लेटफॉर्म को यह तमगा मिले एक साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। तब से यहां पर गाडि़यां तो दौड़ रही हैं, लेकिन कभी प्लेटफॉर्म क् ब्लॉक रहता है तो कभी ख्। कभी प्लेटफॉर्म वन का रेनोवेशन हो रहा है तो कभी ख् का, ऐसे में दोनों ही प्लेटफॉर्म्स से रेग्युलर बेसिस पर गाडि़यां अब तक नहीं चल सकी हैं। वहीं वाशिंग अप्रेन बनने की वजह से फरवरी के सेकेंड वीक से पहले दोनों ही प्लेटफॉर्म से एक साथ गाडि़यां दौड़ने के चांसेज भी नहीं हैं।
अभी लगेगा वक्त
गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर ख् पर गाडि़यां दौड़ने में अभी करीब एक वीक से ज्यादा का वक्त लगेगा। एक्सपर्ट्स की मानें तो रेलवे ने ट्रैक इंस्टालेशन का वर्क तो कंप्लीट कर लिया है, लेकिन सीमेंट और जोड़ ताजा होने की वजह से अभी इस पर गाडि़यां नहीं दौड़ सकेंगी। अगर कोरम पूरा करने के लिए इसपर गाडि़यों को दौड़ाया जाता है, तो फ्यूचर में ट्रैक में प्रॉब्लम आ सकती है, जिसे रिपेयर करने में इससे भी ज्यादा वक्त लगेगा।
ब्भ् दिनों में होना था कंप्लीट
प्लेटफॉर्म नंबर ख् के रिनोवेशन और वाशिंग अप्रेन बनाने का सिलसिला क्0 दिसंबर से स्टार्ट हुआ। रेलवे ने इसके कंप्लीट करने के लिए ब्भ् दिनों का वक्त तय किया था, लेकिन ख्ब् जनवरी को तय वक्त खत्म होने के बाद भी अब तक प्लेटफॉर्म का रिनोवेशन जारी है। इसके लिए रेलवे ने करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा ट्रेंस के प्लेटफॉर्म बदल रखे हैं। वर्क कंप्लीट न होने से प्लेटफॉर्म के वेंडर्स तो परेशान हैं ही, साथ ही पैसेंजर्स को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।
तय समय सीमा पर प्लेटफॉर्म स्टार्ट किया जाएगा। वर्क प्रोग्रेस में हैं और काफी तेजी से चल रहा है।
आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनईआर