गोरखपुर (ब्यूरो)। एनई रेलवे के गोरखपुर कैंट-कुसम्ही रेल खंड के बीच तीसरी नव निर्मित इलेक्ट्रिक लाइन का रेल संरक्षा आयुक्त उत्तर पूर्व सर्किल मनोज अरोड़ा ने इंस्पेक्शन किया।
स्पीड ट्रायल में तीन डिवीजन के अधिकारी हुए शामिल
स्पीड ट्रायल इस मौके पर एनई रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण एससी श्रीवास्तव, मंडल रेल प्रबंधक/लखनऊ आदित्य कुमार, मंडल रेल प्रबंधक/वाराणसी विनीत कुमार श्रीवास्तव, अपर मंडल रेल प्रबंधक (इंफ्र ा)/वाराणसी राहुल श्रीवास्तव, मुख्य इंजीनियर/निर्माण एसके कन्नौजिया, मुख्य इंजीनियर/निर्माण अखिलेख कुमार त्रिपाठी, मुख्य विद्युत डिजाइन इंजीनियर/निर्माण सुरेश कुमार, मुख्य सिगनल व दूर संचार इंजीनियर/निर्माण नीलाभ महेश सहित लखनऊ, वाराणसी मंडल के मंडलीय एवं निर्माण संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया।
ताकि ज्यादा से ज्यादा चल सकें गाडिय़ां
निरीक्षण के दौरान रेल संरक्षा आयुक्त, उत्तर पूर्व सर्किल मनोज अरोड़ा ने गोरखपुर और गौरखपुर कैंट के बीच मेजर पुल संख्या 176 का भी निरीक्षण किया। इस परियोजना के पूरा हो जाने से गोरखपुर कैंट स्टेशन सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित हो जाएगा। यहां पर लाइनें व प्लेटफॉर्म संख्या बढ़ जाएंगी। यहां से अधिक ज्यादा से ज्यादा गाडिय़ां चलाई जा सकेंगी। तीसरी लाइन के निर्माण से लाइन क्षमता में विस्तार होने के बाद अधिक गाडिय़ों का संचलन होगा। गाडिय़ों के समय पालन में सुधार होगा और यात्री संतुष्टि में वृद्धि होगी। इसके साथ ही मालगाडिय़ों के संचलन समय में भी कमी आएगी।
इन प्वाइंट्स पर हुआ चेक -
-रेल संरक्षा आयुक्त मनोज अरोड़ा ने गोरखपुर कैंट रेलवे स्टेशन पर तीसरी नई इलेक्ट्रिक रेल लाइन के मानक के अनुरूप संरक्षा अभिलेखों को देखा।
- संरक्षा अभिलेखों में यार्ड प्लान, स्टेशन वर्किंग रूल, प्लेटफॉर्म क्लियरेंस, पॉइंट क्रासिंग, सिगनलिंग, फाउलिंग मार्क, पैनल इन्टरलॉकिंग, बैटरी रूम, रिले रूम सहित गोरखपुर कैंट कुसम्ही रेलखंड को जोडऩे वाली लाइन के ट्रेलिंग प्वाइंट को देखा।
- स्टेशन मास्टर से संरक्षा संबंधी प्रश्न पूछकर संरक्षा कार्य कुशलता परखी।
- मोटर ट्राली से गोरखपुर कैंट-कुसम्ही रेल खंड पर नवनिर्मित तीसरी लाइन का निरीक्षण करते हुए कर्वेचर संख्या-3ए एवं 3बी पर पहुंचे और कर्व के इंडेंट एवं ओवर हेड ट्रैक्शन पर अभिकेन्द्र त्वरण का मापन किया।
- उसके बाद वे मोटर ट्राली से इस खंड में पडऩे वाले ब्रिज संख्या 173 एवं तारानाला स्थित ब्रिज संख्या 175 ए पर वेल्डिंग एवं रिपिटेड ज्वाइंट्स की जांच की।
- तीसरी लाइन परियोजना के अंतर्गत नए बने ब्रिज के फाउंडेशन, पिलर, अप्रोच, गर्डर, कांक्रीट ब्लॉक, फिटिंग्स तथा अनुरक्षण के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं जैसे सुरक्षित वाक पाथ आदि का गहन संरक्षा निरीक्षण किया।
- इस दौरान उन्होंने समपार फाटक सं-115सी का संरक्षा निरीक्षण किया।
-इस खंड के रेलवे क्रॉसिंगों पर चेतावनी बोर्ड एवं हाइट गेजों का संस्थापन भी सुनिश्चित किया।
- निरीक्षण के अंत में रेल संरक्षा आयुक्त ने किमी। सं-497/15 पर स्विच एक्स्टेंशन ज्वाइंट का निरीक्षण किया।