- सुबह से लेकर देर शाम तक झेलती रही पब्लिक

- कार में टक्कर लगने पर दिखाया तेवर, लग गया जाम

GORAKHPUR: ऐसा लगता है जैसे जाम इस शहर की फितरत में शुमार हो गया है। सोमवार को छात्रसंघ चौराहे से लेकर रेलवे बस स्टैंड, गोरखनाथ मंदिर के सामने से लेकर धर्मशाला ओवरब्रिज के नीचे तक जाम के बहुत से रूप, वजहें और कहानियां सामने आई। इस दौरान आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जो कुछ भोगा, महसूस किया और झेला, उसका हू-ब-हू बयान आपके सामने है।

जाम की चिंता किसे है

सुबह के करीब नौ बजे गोरखनाथ ओवरब्रिज से नीचे उतरते ही वाहनों का काफिला। मंदिर की तरफ से आती एक एक स्कूल बस फंसी थी। वजह, जिस ट्रैक्टर-ट्रॉली को सड़क किनारे खड़ा करके कचरा भरा जा रहा था, उसके ड्राइवर को ट्रैक्टर को हटाने पर ऐतराज था। नतीजा गोरखनाथ थाने की तरफ की तरफ का पूरा रास्ता जाम। थोड़ा आगे बढ़ने पर लगा जाम से निजात मिलेगी, लेकिन गोरखनाथ थाने के सामने पीडब्लूडी के रोड रोलर के चलते यहां भी रास्ता रुका हुआ था। दिलचस्प बात यह रही कि रोलर के ऊपर कोई ड्राइवर जैसी चीज नजर नहीं आ रही थी। अंदर थाने वालों को शायद इस बात की परवाह नहीं थी कि बाहर जाम का कैसा झाम फंसा हुआ है।

'नेता बन गए तो रोक रहे रास्ता'

गोरखनाथ मंदिर से लौटते समय करीब सवा दस बजे का समय हो चुका था। गोरखनाथ ओवरब्रिज के पास फिर से जाम था। इस बार सड़क पर पैचिंग का काम इसकी वजह था। सोचकर आश्चर्य हो रहा था कि आखिर देर रात जब ट्रैफिक न के बराबर होता है तब यह काम क्यों नहीं किया गया। इससे आगे निकलने के बाद धर्मशाला चौराहे पर पहुंचे तो वहां ट्रैफिक रोका गया था। रेलवे स्टेशन रोड की तरफ वाहनों की एक लंबी कतार चली जा रही थी। देखने से समझ में आ रहा था कि किसी वीवीआईपी का काफिला है। असल में यह एक कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों की गाडि़यां थीं। जाम में फंसे एक शख्स ने दिलचस्प टिप्पणी की-'हमीं लोग इन लोगों को नेता बनाते हैं और फिर ये हमारा ही रास्ता बंद करवा देते हैं.' इसके बाद भी रेलवे स्टेशन रोड पर जाम की कहानी कुछ अलग नहीं थी।

यहां ईगो ने फंसाया

करीब 10 बजकर 50 मिनट का वक्त। छात्रसंघ चौराहे पर एक शख्स की कार को ऑटो वाले ने धक्का मार दिया। अब उन जनाब का ईगो भड़क गया। बीच सड़क पर ही कार खड़ी कर ऑटो वाले को सबक सिखाने लगे। नतीजा, जाम का अंतहीन सिलसिला। न तो डीआईजी आवास की तरफ जाने वालों को रास्ता मिल रहा था, न ही पैडलेगंज वालों को जगह मिल रही थी। इस बीच रोडवेज की बसों ने और बेड़ागर्क कर रखा था। आई नेक्स्ट रिपोर्टर के साथ जा रहे शख्स ने कमेंट किया- भइया, इस शहर का कुछ नहीं हो पाएगा।

सिटी में ट्रैफिक सुधारने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। इसमें पब्लिक का सहयोग भी जरूरी है। कई बार लोग विवाद कर लेते हैं। हर जगह पुलिस लगाकर ट्रैफिक सुधार पाना संभव नहीं है।

बीएन गुप्ता, टीएसआई