- बसंतपुर दुर्गा चौक पर विसर्जन के पहले सभी प्रतिमाओं की पूजा करते हैं श्रीराम
- देश में इकलौता शहर जहां राघव शक्ति का होता है साक्षात दर्शन
GORAKHPUR : गोरखपुर को अध्यात्म की नगरी कहा जाता है। धार्मिक किताबों के मामले में तो गोरखपुर विश्व प्रसिद्घ है ही, परंपराओं को सहेजने में भी गोरखपुराइट्स का कोई जोड़ नहीं। गोरखपुर में शारदीय नवरात्र में भगवान राम मां दुर्गा का पूजन करते हैं जिसके बाद मां को विसर्जन के लिए ले जाया जाता है। पूरे देश में गोरखपुर इकलौता ऐसा शहर है जहां ये परंपरा चली आ रही है।
मां ने दी थी राम को शक्ति
त्रेता युग में भगवान राम ने नवरात्र में रावण का वध करने से पहले मां दुर्गा की में आराधना की थी। मान्यता है कि सीता को छुड़ाने के लिए जब भगवान राम शिव की पूजा कर रहे थे तो ब्रह्मा प्रकट हुए और कहा कि शिव का सबसे बड़ा भक्त रावण है। ऐसे में शिव आपको कैसे वरदान दे सकते हैं। ब्रह्मा ने उनसे कहा कि आप मां दुर्गा की पूजा करें। उसके बाद भगवान राम ने नवरात्र में मां दुर्गा की मिट्टी की मूर्ति बनाकर पूजा करनी शुरू कर दी। भगवान राम ने पूरे नवरात्र उपवास रखकर मां दुर्गा की उपासना की। मां ने भगवान राम को साक्षात दर्शन दिए। मां ने भगवान राम को रावण वध का आशीर्वाद दिया। तत्पश्चात मां दुर्गा की प्रतिमा को भगवान राम ने पानी में विसर्जित कर दिया।
सभी मूर्तियों की होती है पूजा
बर्डघाट रामलीला ने इस परंपरा को बनाए रखा। बर्डघाट रामलीला कमेटी के महामंत्री पुरूषोत्तम दास उर्फ राजा बाबू ने बताया कि उन्होंने देश के कई शहरों में मूर्ति विसर्जन के कार्यक्रमों को अध्ययन किया गया है। गोरखपुर ही एक ऐसा शहर है जहां ये परंपरा चली आ रही है। बर्डघाट रामलीला की शुरुआत 153 साल पहले शुरू हुई थी, उसके कुछ साल बाद ही राघव-शक्ति मिलन के कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। राजा बाबू ने बताया कि बर्डघाट रामलीला के रावण दहन के बाद श्रीराम का रथ बसंतपुर के दुर्गा चौक पर आता है। यहां से शहर की जितनी भी मूर्तियां राजघाट पर जाती हैं, उन सभी मूर्तियों की आरती श्रीराम करते हैं और तिलक लगाकर पूजा करते हैं। उसके बाद माता विसर्जन के लिए प्रस्थान करती हैं।
बर्डघाट रामलीला समाप्त होने के बाद बसंतपुर में आदिशक्ति दुर्गा और भगवान श्रीराम का अद्भुत मिलन गोरखपुर के अध्यात्म को और मजबूत करता है।
योगी आदित्यनाथ, गोरक्षपीठाधीश्वर व सांसद गोरखपुर
नवरात्र में भगवान राम ने मां दुर्गा की आराधना की थी। नवमी के दिन मां दुर्गा ने भगवान राम को शक्ति प्रदान की थी। गोरखपुर में मां शक्ति की पूजा अपने आप में एक नया इतिहास है।
पंडित शरद चंद मिश्र, ज्योतिषाचार्य
गोरखपुर देश का एक ऐसा शहर है, जहां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के पहले राघव शक्ति की पूजा की जाती है। यह परंपरा सालों से चली आ रही है। बर्डघाट रामलीला कमेटी के श्रीराम शहर की सभी प्रतिमाओं की पूजा करते हैं, उसके बाद मूर्ति विसर्जित होने के लिए जाती है।
पुरूषोत्तम दास उर्फ राजा बाबू, महामंत्री, रामलीला कमेटी बर्डघाट