- रोडवेज के चक्काजाम से पैसेंजर्स हुए परेशान

- बड़े शहरों से ट्रेन से आकर गोरखपुर में फंसे रहे पैसेंजर्स

- आसपास के कस्बों को जाने वाले लोग भी लौटे वापस

GORAKHPUR:

वेंस्डे की सुबह रोडवेज पर सन्नाटा छाया हुआ था। बसों की हॉर्न और पैंसेजर्स के शोरगुल से गुलजार रहने वाले बस स्टेशंस पर सन्नाटा था। इसकी वजह थी, उत्तर प्रदेश रोडवेज इंप्लॉइज यूनियन की स्ट्राइक। बस स्टेशंस पर परेशान हाल यात्री पैसेंजर्स व्हीकल्स के संबंध में जानकारी लेते नजर आए।

दो सौ बसेज जहां की तहां रुकीं

हड़ताल के दौरान करीब 450 डेली बसेज और 190 अंडरटेकिंग बसेज जहां की तहां रुकी रहीं। इस दौरान उनके चालक और परिचालक केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। रोडवेज सहित ज्यादातर ड्राइवर्स एसोसिएशन की हड़ताल के डिस्ट्रिक्ट के करीब 35 से 40 हजार पैसेंजर्स को परेशानी उठानी पड़ी। इससे सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं, बुजुर्गो और बच्चों को उठानी पड़ी। स्टेशंस पर फंसे पैसेंजर्स मोबाइल पर अपने लोगों को अपनी परेशानी की जानकारी देते नजर आए।

रोडवेज का लाखों का नुकसान

सड़क सुरक्षा अधिनियम 2014 के विरोध में यूपी रोडवेज इंप्लाइज यूनियन की हड़ताल से गोरखपुर जोन से रोडवेज को करीब 40 लाख रुपए का नुकसान हुआ। वहीं कचहरी बस स्टेशन पर कुछ डग्गामार बसेज इसका फायदा उठाती दिखीं।

जहां थे अटक गए

रेलवे और कचहरी बस स्टेशन पर पैसेंजर्स लटके रहे। बड़ी संख्या में पंजाब, गुजरात, दिल्ली, मुंबई, कानपुर, लखनऊ से आकर पैसेंजर्स बस स्टेशन पर फंस गए। वहीं गांवों से चलकर आस-पास के जिलों, कस्बों के लिए निकले पैसेंसर्ज भी बसेज न मिलने के कारण वापस लौटने के लिए गाडि़यां ढूंढते नजर आए। सबसे ज्यादा परेशानी नाइट और अर्ली मॉर्निग में ट्रेंस से उतरे पैसेंजर्स को उठानी पड़ी।

पैसेंजर्स ने ट्रेंस का लिया सहारा

बसेज न मिलने के कारण देवरिया, खलीलाबाद, बस्ती, बनारस और अन्य जिलों को जाने वाले पैसेंजर्स को ट्रेंस का सहारा लेना पड़ा। इससे ट्रेंस में जनरल टिकट को लेकर काफी मारामारी रही। ट्रेंस में भी काफी भीड़ बढ़ गई, इस वजह से पैसेंजर्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

हड़ताल में शामिल संगठन

यूपी रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के साथ साथ हड़ताल को श्रमिक समाज कल्याण संघ, सेंट्रल रीजनल कर्मचारी संघ, संविदा चालक परिचालक संघर्ष समिति, अंडरटेकिंग बस ऑनर एसोसिएशन सहित करीब आधा दर्जन रोडवेज यूनियंस का समर्थन था।

18 सौ कर्मचारी ने हड़ताल में लिया भाग

हड़ताल से तीन रोडवेज यूनियंस के हाथ खींच लेने के बावजूद रोडवेज यातायात पूरी तरह ठप रहा। बसे स्टेशंस पर बसेज खड़ी रहीं। गोरखपुर जोन में कार्यरत करीब करीब एक हजार रोडवेज और आठ सौ रोडवेज संविदा कर्मचारी कार्य से वितर रहें।

ट्यूज्डे देर रात को रोडवेजकर्मी हड़ताल पर चले गए थे। जिससे सुबह आवागमन प्रभावित था। वेंस्डे को दोपहर बाद बसेज का संचालन शुरू हो गया।

- सुग्रीव राय, आरएम रोडवेज