गोरखपुर (ब्यूरो)।बस को ठीक कराने के लिए कोलकाता से एक्सपर्ट बुलाए गए हैं, जबकि पार्ट चीन से आएंगे। बता दें, महानगर में टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ ही पर्यटकों की सहूलियत के लिए सात मई 2022 को दो विशेष इलेक्ट्रिक बसें महेसरा डिपो पहुंच गई थीं। इन बसों को एयरपोर्ट से रामगढ़ताल, नौकायन होते हुए चिडिय़ाघर तक चलाने की स्कीम थी। बस संचालित कराने वाली समिति की ओर से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी की गई, लेकिन बस का संचालन नहीं किया जा सका। इसी का नतीजा था कि बस डिपो में खड़ी-खड़ी खराब हो गईं।

ई-टूरिस्ट बस सेवा

गोरखनाथ मंदिर

रेल म्यूजियम

रामगढ़ताल

राजकीय बौद्ध संग्रहालय

चिडिय़ाघर

एयरपोर्ट

चाइना से मंगवाए गए पाट्र्स

खराब बसों को ठीक करने के लिए चीन से पाट्र्स मंगवाए गए हैं। दो महीने से अधिक समय लग गया, लेकिन अभी तक पाट्र्स नहीं आए हैं। इसलिए टूरिस्ट ई बसों का संचालन भी नहीं शुरू हो सका।

36 सीटर टूरिस्ट बस

वर्तमान में संचालित हो रही ई बसों की तुलना में यह स्पेशल बस करीब डेढ़ गुना ज्यादा क्षमता की है। एक बस की कीमत एक करोड़ 38 लाख रुपए है। 36 सीटर बस में एक साथ 54 लोग सफर कर सकते हैं।

खिचड़ी मेले में हुआ था टूरिस्ट बस का ट्रायल

पूर्व नगर आयुक्त ने खिचड़ी मेले के लिए टूरिस्ट ई बस को हरी झंडी दिखाकर ट्रायल करवाया था, लेकिन यह बस ट्रायल तक ही सिमट गई। इस बस को प्रॉपर तौर पर संचालित नहीं किया जा सका। यही कारण है कि हाईटेक टूरिस्ट बस डिपो में खड़ी रही और उसके पाट्र्स खराब होते गए।

ई टूरिस्ट बस में तकनीकी खराबी आने की वजह से संचालन नहीं हो पा रहा है। बस को ठीक कराने के लिए कोलकाता से एक्सपर्ट बुलाए गए थे। कुछ पाट्र्स नहीं मिल रहे हैंं। उन्हें चीन से मंगाया गया है। जल्द ही बस को दुरुस्त कर लिया जाएगा।

राजीव रंजन, ऑपरेशन मैनेजर इलेक्ट्रिक डिपो महेसरा