-बढ़ी छुट्टियों ने बढ़ाई पैरेंट्स, टीचर और स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम

GORAKHPUR: ठंड के कारण हो रही लगातार छुट्टी से खुशी कम टेंशन अधिक मिल रही है। फिर चाहे वे पैरेंट्स हो, टीचर हो या फिर स्टूडेंट्स। खास तौर पर क्लास 9, क्0, क्क् एंड क्ख् के स्टूडेंट्स अधिक परेशान है। इस छुट्टी ने ठंड से राहत कम और फ्यूचर की टेंशन अधिक बढ़ा दी है। क्योंकि स्कूल बंद होने से एग्जाम डेट नजदीक आ गई है और अधिकांश क्लास के सिलेबस अधूरे हैं। वहीं पैरेंट्स अपने बच्चों के फ्यूचर को लेकर टेंशन में है। लगातार हो रही छुट्टी ने भी बच्चों को चिड़चिड़ा बना दिया है। क्योंकि उन पर पैरेंट्स का प्रेशर बहुत अधिक पड़ रहा है।

कैसे पूरा हो सिलेबस

छुट्टी की बढ़ रही संख्या से स्कूल परेशान हैं। स्कूल के टीचर का कहना है कि उनके लिए सिलेबस पूरा कराना बहुत बड़ा चैलेंज बनता जा रहा है। संडे, फेस्टिवल, समर, रेनी की छुट्टी के बाद पढ़ाई के लिए मुश्किल क्भ्0 दिन मिलते हैं। उसमें भी एग्जाम और अन्य एक्टिविटी कराने में काफी समय गुजर जाता है। मतलब बमुश्किल क्फ्0 दिन में सिलेबस पूरा कराना होता है। पूरा प्रयास रहता है, रेगुलर क्लास चलती है। मगर अचानक हुई विंटर वेकेशन ने सारा प्लान बिगाड़ दिया। अब सिलेबस पूरा कराना मुश्किल पड़ रहा है, खासतौर पर क्लास 9 एंड क्क् का। जब कोर्स पूरा नहीं होगा तो पूरे सिलेबस के आधार पर फाइनल एग्जाम कैसे होगा? नाम न छापने पर एक स्कूल के प्रबंधक ने बताया कि उनके यहां क्लास क्क् का एग्जाम फरवरी के सेकेंड वीक से स्टार्ट है। जबकि अभी काफी कोर्स अधूरा है। छुट्टी न होती तो कोर्स पूरा हो जाता। इस छुट्टी के कारण कोर्स अधूरा रहने के साथ स्टूडेंट्स का रिवीजन भी नहीं हो सका। इससे रिजल्ट कैसा होगा, टेंशन बहुत है। साथ ही ऐसी छुट्टी के कारण स्कूल के सारे इंटरनल प्रोग्राम भी चेंज करने पड़ रहे हैं या फिर उन्हें कैंसिल करना पड़ रहा है।

वर्जन-

छुट्टी की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे आलरेडी सिलेबस पूरा कराने का चैलेंज रहता है। उस पर ये ठंड तो कभी अन्य रीजन से स्कूल बंद हो जाता है, जिससे सिलेबस पूरा कराने का चैलेंज बढ़ गया है। इससे न सिर्फ स्कूल की टेंशन बढ़ी है बल्कि स्टूडेंट्स और पैरेंट्स भी परेशान है।

पीसी श्रीवास्तव, प्रेसिडेंट स्कूल एसोसिएशन

क्या होगा एग्जाम में

राधिका क्लास क्क् में पढ़ती है। उसके पिता राजन काफी परेशान है। राधिका पिछले क्भ् दिन से घर पर है। रोज चिल्लाने के बाद भी राधिका नहीं पढ़ती। राजन कहते हैं कि स्कूल खुलते ही उसका एग्जाम शुरू हो जाएगा। अभी तक राधिका ने कोई तैयारी नहीं की है। एग्जाम डेट भी आ चुकी है, जबकि अभी उसका सिलेबस भी पूरा नहीं हुआ है। अब समझ नहीं आ रहा क्या करूं। क्योंकि उसके फ्यूचर का सवाल है और हमारे सपनों का। स्कूल की लगातार छुट्टी होने से बच्चों को संभालना मुश्किल हो जाता है। न सिर्फ बच्चों का रूटीन डिस्टर्ब होता है बल्कि पूरे परिवार का। हालांकि स्कूल के टीचर छुट्टी से पहले एक्स्ट्रा होमवर्क दे देते हैं। मगर इस छुट्टी में ये भी मुमकिन नहीं होता।

वर्जन

ठंड अधिक है। स्कूल की छुट्टी होनी चाहिए। मगर क्लास 8 तक। क्योंकि क्लास 9 से सिलेबस बढ़ता जाता है, जिसके लिए रेगुलर क्लास जरूरी है। वरना इस छुट्टी का इफेक्ट पूरे फ्यूचर पर पड़ेगा।

विनोद राय

छुट्टी बहुत अधिक होती जा रही है। इससे सिलेबस पूरा कराना स्कूल के लिए चैलेंज बनता जा रहा है। ऐसे में रिवीजन कराना तो दूर की बात है। जब सिलेबस पूरा नहीं होगा, रिवीजन नहीं होगा तो रिजल्ट अच्छा कैसे जाएगा। मतलब ये छुट्टियां फ्यूचर को डिस्टर्ब कर सकती है।

मन्नत खान

छुट्टी, पर स्टडी का प्रेशर

स्कूल की छुट्टी चल रही है। सोचा था कि मस्ती करेंगे। मगर घर वाले जब देखो तब पढ़ाई करने का प्रेशर बनाते हैं। यह हाल अकेले रोहन का नहीं बल्कि शहर के तमाम बच्चों का है। उनका कहना है कि इतना तो स्कूल खुला था तब भी टेंशन नहीं होती थी। पढ़ाई भी होती थी, फ्रेंड्स के साथ मस्ती भी। मगर अब सिर्फ पढ़ाई करनी पड़ रही है। एक दिन की छुट्टी हुई तो स्कूल टीचर ने भी चार दिन के बराबर होमवर्क दे दिया। छुट्टी जब मिली थी तो खुशी हुई थी, मगर अब यह परेशानी बन गई है। स्कूल खुले तो फ्रेंड्स से मिले और गेम को एन्ज्वॉय किया।

वर्जन-

मैं क्लास क्क् में हूं। छुट्टी के कारण बहुत प्रॉब्लम हो रही है। क्योंकि एग्जाम नजदीक है और सिलेबस अब तक पूरा नहीं हुआ है। रिवीजन में भी काफी प्रॉब्लम हो रही है।

अल्पना राय, स्टूडेंट