गोरखपुर (ब्यूरो)। सफर कर रहे रेल मुसाफिरों की अगर किस्मत ने साथ दिया तो कुछ मेहनत के बाद बोतल भर जा रही है, वरना प्यासे रहकर ही सफर करना पड़ रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो जहां पहले गोरखपुर जंक्शन पर औसतन प्रतिदिन 17 हजार लीटर पानी की डिमांड थी, वहीं जून में चरम पर पहुंची गर्मी से यह मांग 20 हजार लीटर प्रतिदिन तक पहुंच गई है। स्टेशन प्रबंधन लगातार पानी की बढ़ती डिमांड को देखते हुए रेल नीर बोतल बंद पानी को लेकर लगातार आईआरसीटीसी के कर्मचारियों व अधिकारियों संपर्क साध रही है।
स्टॉपेज में टाइम की कटौती
गोरखपुर स्टेशन पर प्रतिदिन 70 हजार से ऊपर यात्रियों की आवागमन होता है। लेकिन जून माह में पड़ रही भीषण गर्मी में लंबी दूरी के यात्रियों के बीच प्यास के कारण पानी की डिमांड बढ़ गई है। दरअसल, प्लेटफॉर्म पर बने वॉटर कूलर हर समय ठंडा पानी न आने, हमेशा भीड़ होने से अधिकतर यात्री पानी भरने के बजाय स्टॉल से पानी खरीदने को मजबूर हैैं। पानी भरने की बजाय पानी खरीदने में बढ़ोत्तरी की एक और बड़ी वजह यह भी है कि बीते कुछ महीने से गोरखपुर से होकर गुजरने वाली 36 ट्रेनों के स्टापेज टाइमिंग में कटौती कर दी गई है। स्टापेज कम होने से भी अधिकतर यात्री ट्रेन छूटने की डर से पानी भरने के बजाय पानी खरीदने में ही भलाई समझ रहे हैैं।
जून में बढ़ गई है डिमांड
आईआरसीटीसी के स्टेशन ऑफिसर विकास गुप्ता ने बताया कि पिछले साल जून 2022 में जहां प्रतिदिन 15 हजार लीटर पानी की बोतलों की खपत होती थी। वहीं इस बार 20 हजार लीटर प्रतिदिन की खपत हो रही है। यानी पिछली बार की तुलना में 20 प्रतिशत से ज्यादा की खपत बढ़ गई है। रेलवे के अधिकारियों की मानें तो यह खपत जून माह में 25 तारीख तक रहेगी। वहीं स्टेशन पर लगाए गए 14 वॉटर कूलर सिर्फ दिखावे के लिए लगे हुए हैैं, जबकि 214 वॉटर टैप हैैं। जो सामान्य पानी देते हैैं। लेकिन स्टॉपेज की टाइमिंग कम होने से पानी भरने का भी वक्त नहीं मिलता है।
बंद हो चुकी हैैं वेंडिंग मशीनें
वहीं रेलवे स्टेशन के 9 प्लेटफार्म पर कुल 10 वॉटर वेंडिंग मशीनें भी लगाई गई हैैं। लेकिन कुछ समय पर ठीक चलने के बाद जिस फर्म को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसने खुद को किनारा कर लिया है। आईआरसीटीसी को दी जाने वाली लाइसेंस फीस भी अटका दी है। करीब 3 करोड़ रुपए फीस अटकने की वजह से ही यह सभी मशीनें बंद पड़ी हुई हैैं।
प्रतिदिन अमेठी से आ रही बोतल
आईआरसीटीसी के स्टेशन ऑफिसर ने बताया कि इस वक्त जो पानी आ रहा है वह अमेठी प्लांट से आ रहा है। प्रतिदिन 72000 बॉटल तैयार हो रहा है। इसमें एक ट्रक डेली गोरखपुर आ रहा है। एक ट्रक में 1500 पेटी होती है और एक पेटी में 12 बोतल होते हैैं।
केस - 1
वैशाली सुपर फास्ट एक्सप्रेस से अलीगढ़ के लिए जा रहे जावेद अली ने बताया कि पानी घर से लेकर चले थे, लेकिन पानी खत्म हो गया। सोचा कि स्टेशन पर पानी ले लेंगे, लेकिन पानी नहीं ले पाए, इस चक्कर में पानी की बोतल खरीदना मजबूरी बन गया।
केस - 2
बिहार संपर्क क्रांति से दिल्ली जा रहे रवि प्रकाश ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर वॉटर कूलर लगाया गया है, लेकिन वह किसी काम का नहीं है। 15 रुपए खर्च कर रेल नीर खरीदा है, जबकि इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है कि पूछिए मत।
हाईलाइट्स -
- 70,000 पैसेंजर्स का होता है आवागमन
- 72000 बॉटल, प्लांट में हो रहा है तैयार
- 1500 पेटी वॉटर की रोज गोरखपुर में सप्लाई
- 12 बोतल एक पेटी में होते हैैं।
- 214 वॉटर टैप स्टेशन पर लगे
- 10 10 वॉटर वेंडिंग मशीनें लगीं हैं।
गर्मी में पानी की डिमांड बढ़ जाती है। डिमांड को देखते हुए लगातार नजर रखी जा रही है। आईआरसीटीसी की तरफ से दिए जाने वाले रेल नीर पानी की कहीं से कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। स्टेशन पर वॉटर टैप से पानी आ रहा है। वहां भी यात्री पानी का इस्तेमाल कर रहे हैैं।
- पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे