- बाइक चारों के मामले में पकड़े गए थे किशोर, एक फरार

- 21 नंवबर को पेशी के बाद भेजा गया था गोरखपुर राजकीय संप्रेक्षण गृह

- चार दिन तक थाने में रखकर किशोर को पीटने का आरोप

GORAKHPUR : राजकीय संप्रेक्षण गृह में कुशीनगर जिले के हाटा निवासी बंदी की मौत हो गई। बंदी की मौत की सूचना प्रभारी ने मृतक के परिजनों को दी। जानकारी पाकर गोरखपुर पहुंचे परिजनों ने मृतक पर थर्ड डिग्री इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। बंदी को बाइक चोरी के मामले में गोरखपुर स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह में रखा गया था। परिजनों का आरोप है कि कोतवाली पुलिस ने चार दिन लॉकअप में रखकर पिटाई की। जिससे उसकी मौत हो गई।

बाइक चोरी में हुआ था अरेस्ट

कुशीनगर जिले के कोतवाली हाटा में कुछ रोज पहले कस्बे के बबलू की बाइक चोरी चली गई थी। हाटा के पगरा निवासी सोनू चोरी की बाइक पर अपने गांव के सिद्धार्थ और संगम को बैठाकर 16 नवंबर को हाटा पहुंचा। इस दौरान बबलू ने अपनी बाइक पहचान ली और उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया लेकिन मौके से सोनू फरार हो गया। इसके बाद लोगों ने सिद्धार्थ और संगम की जमकर धुनाई की और पुलिस के हवाले कर दिया।

पुलिस ने खूब पीटा

बबलू ने सिद्धार्थ और संगम को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस दोनों को लॉकअप में बंद कर दिया। आरोप है कि लॉकअप में चार दिन तक लाठियों से बुरी तरह से पीट कर उसे अधमरा कर दिया। कोतवाली पुलिस ने 21 नंवबर की सुबह सिद्धार्थ और संगम को सीजेएम कसया कोर्ट में पेश किया। जहां से दोनों को राजकीय संप्रेक्षण गृह, गोरखपुर भेज दिया गया। दोनों को इतना पीटा गया था कि वह चल तक नहीं पा रहे थे। उनके पैर के तालू में गंभीर चोटें थीं। रविवार को सिद्धार्थ की हालत खराब हो गई। इसके बाद तत्काल जिला अस्पताल के डॉ। एके गुप्ता को बुलाया गया। उन्होंने उसकी हालत नाजुक बताते हुए जिला अस्पताल में एडमिट करने की सलाह दी। सोमवार को जिला अस्पताल ले जाते वक्त सिद्घार्थ की मौत हो गई।

मैंने खो दिया अपना बेटा

मृतक सिद्धार्थ उर्फ सेतवान हाटा बाजार में स्थित एक प्राइवेट विद्यालय में आठवीं का छात्र था। पीडि़त के पिता अद्यया सिंह ने बताया कि सिद्धार्थ और संगम का चोरी से कोई लेना-देना नहीं था। पुलिस ने बिना सोचे-समझे दोनों को सलाखों के पीछे डाल दिया। मामले की जांच-पड़ताल किए बिना ही कोर्ट में पेश कर दिया गया।

सिद्धार्थ के पैर में काफी चोट आई थी। पुलिस वाले उसे मारपीट कर लाए थे। रात में हालत खराब होने पर जिला अस्पताल से डॉक्टर बुलाया गया। उपचार के बाद उसे राहत मिली। मगर सोमवार को दोबारा हालत बिगड़ गई। फौरन उसे जिला अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

एके मिश्रा, प्रभारी, राजकीय संप्रेक्षण गृह

राजकीय संप्रेक्षण गृह से जानकारी मिली थी कि दो बालकों की हालत खराब है। चेकअप के दौरान सिद्धार्थ के दाहिने पैर में चोट थी। डर के मारे वो रात भर सो नहीं सका। मैंने उससे परेशानी के बारे में पूछा। फिर दवा और इंजेक्शन लिखा और सर्जन को दिखाने की सलाह दी।

डॉ। एके गुप्ता, बाल रोग विशेषज्ञ