गोरखपुर (ब्यूरो)।यह जानकारी देते हुए सीएमओ डॉ। आशुतोष दुबे ने बताया कि प्रदेश में बाल व शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अब हर बच्चे की मौत की आडिट की जाएगी और जो कमियां मिलेंगी, उन्हें दूर किया जाएगा।

2.5 किलो होना चाहिए वजन

37 सप्ताह से अधिक का बच्चा होना चाहिए व उसका वजन न्यूनतम 2.5 किलोग्राम होना चाहिए। बच्चे का वजन अगर इससे कम है तो उसे लो बर्थ वेट मानते हुए डाक्टर की निगरानी में रखा जाएगा। 1800 ग्राम से कम वजन होने पर बच्चे को तत्काल गहन चिकित्सा इकाई में शिफ्ट किया जाएगा। साथ ही गर्भधारण के बाद से आवश्यक जांचें कराने, आवश्यक टीके लगवाने के लिए आशा व एएनएम को जागरूक किया गया है।

इन समस्याओं पर सतर्क होंगे कर्मचारी

- बच्चा अगर देर से रोता हो।

- बच्चा नहीं रो रहा हो या कुछ समय बाद रोना बंद कर दिया

- बच्चा अगर मां का दूध नहीं पी रहा हो।

- उसे सांस लेने में समस्या आ रही हो।

- कम वजन व समय से पहले हुआ प्रसव।

- शरीर में किसी प्रकार के कटे या घाव का निशान।